गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

6 साल में वायुसेना को मिलेंगे सभी 83 एलसीए तेजस

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी आर माधवन ने कहा है, कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क एमके-1ए के लिए दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों ने दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही एक अनुबंध होने की उम्मीद है। भारत से हुए अनुबंध के अनुसार हमें आज से 36 महीने बाद एलसीए तेजस की डिलीवरी शुरू करनी है। पहली डिलीवरी मार्च, 2024 में 2 विमानों से शुरू की जाएगी।जिन्हें 16 तक आगे बढ़ाया जाएगा। एचएएल सभी 83 तेजस 6 साल में भारतीय वायुसेना को सौंप देगा।एचएएल प्रमुख माधवन ने गुरुवार को एयरो इंडिया-2021 के दौरान प्रेस वार्ता में कहा कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क एमके-1ए के लिए दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों ने दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही एक अनुबंध होने की उम्मीद है। एचएएल प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए वायुसेना की योजना एलसीए वेरिएंट से अलग है। दोनों में कोई टकराव नहीं है, इसलिए दोनों परियोजनाएं स्वतंत्र रूप से जारी रहेंगी।एचएएल प्रमुख ने तेजस लड़ाकू विमानों की निर्यात कीमत और लागत के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि 83 तेजस लड़ाकू विमानों की अनुबंध लागत लगभग 48 हजार करोड़ रुपये है, अगर सभी तरह के टैक्स और विदेशी मुद्रा में वृद्धि घटा दी जाए तो यह डील 36 हजार करोड़ रुपये के आसपास आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग तेजस एमके-1ए के एक विमान की कीमत 48 हजार करोड़ रुपये के आधार पर कर रहे हैं। जो पूरी तरह गलत है। दरअसल 83 एलसीए के लिए कुल ऑर्डर की लागत लगभग 25,150 करोड़ रुपये है।

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