अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मोदी ने इन लोगों पर इल्जाम लगाया कि, ये लोग मुझे मार कर मेरी सरकार को गिराने की साजिश कर रहे थे। इसका सबूत यह बताया गया की दिल्ली के प्रोफेसर रौना विल्सन के कम्प्यूटर में ऐसे पत्र मिले हैं। रौना विल्सन के वकील के आग्रह पर अमेरिका की दो टेक्निकल फोरेंसिक एजेंसियों ने इसकी जांच करी उन्होंने रिपोर्ट दी है, कि रौना विल्सन के कम्प्यूटर में इसराइली वायरस भेजे गए थे। उसमें इस तरह के पत्र डाले गए। मतलब सरकारी एजेंटों ने ही पूरा षड्यंत्र बनाया और मोदी सरकार की लूट और गलत नीतियों का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ पूरी तरह झूठा केस बना कर उन्हें जेल में डाल दिया गया है। इस पूरे षड्यंत्र में सरकारी एजेंसी एनआईए शामिल हैं। जिन लोगों को इस तरह षड्यंत्र करके जेल में डाला गया है। वे लोग वकील कवि प्रोफेसर और लेखक हैं। जेल में बन्द इन लोगों ने सारी जिंदगी आदिवासियों दलितों गरीबों की सेवा में गुजारी है कितना भयानक है कि प्रधानमंत्री के पद पर एक षड्यंत्रकारी अपराधी बैठा हुआ है।
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