चमोली। ऋषिगंगा में सात फरवरी को हुए हादसे में 136 लापता लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया उत्तराखण्ड प्रशासन ने शुरु कर दी है। अभी तक हादसे में मरने वालो की संख्या 68 हो गई है। प्रशासन द्वारा लापता लोगों के परिजनों को डीएनए सैंपल के लिए बुलाया गया है। जिससे शिनाख्त नहीं हुए शवों की पहचान हो सके। हालांकि कई क्षेत्रो में राहत एवं बचाव कार्य अभी भी जारी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चमोली पुलिस ने मंगलवार को बताया, ‘अलग-अलग जगह से अब तक कुल 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हुए हैं, इनमें से 39 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त हो चुकी है।
बता दें कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा रैंणी में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी। जिसके बाद से क्षेत्र में बचाव कार्य चल रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चमोली पुलिस ने मंगलवार को बताया, ‘अलग-अलग जगह से अब तक कुल 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हुए हैं, इनमें से 39 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त हो चुकी है।
बता दें कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा रैंणी में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी। जिसके बाद से क्षेत्र में बचाव कार्य चल रहा है।
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