प्रशांत कुमार
गोरखपुर। दरिंदों की हैवानियत का शिकार बनी कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र की रहने वाली बिटिया को इलाज के लिए दौड़ाया जाता रहा। कुशीनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बाबा राघवदास मेडिकल कालेज तक बिटिया के इलाज के लिए पिता फूट.फूटकर रोता रहा लेकिन किसी को तरस नहीं आयी। जिस डाक्टर के पास बिटिया को लेकर पिता पहुंचता वह मेडिको लीगल का मामला बताकर पहले महिला सिपाही लेकर आने को कहता। तड़पती बिटिया को गोद में लिए घूम रहा पिता जीवन की भीख मांगता रहा। लेकिन उसे इधर से उधर दौड़ाया जाता। दर्द से चीख रही बिटिया को समझ में भी नहीं आ रहा था कि सबका दर्द हरने वाले धरती के भगवान क्यों उसके पास आकर वापस चले जा रहे है।
बिटिया को लेकर पिता भोर में 3ः15 बजे बाबा राघवदास मेडिकल कालेज पहुंचा। दर्द के कारण वह बेहोश हो जा रही थी। इमरजेंसी में डाक्टरों ने पुलिस केस बताकर इलाज से मना कर दिया। पिता सबसे गुहार लगाता रहा। जब किसी ने नहीं सुनी तो बिटिया को लेकर मेडिकल कालेज से बाहर चला गया। उसने बिटिया की हालत की जानकारी खड्डा के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को दी। फोन पर ही पिता रोने लगा। बताया कि बेटी को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इसकी जानकारी होते ही विधायक मेडिकल कालेज पहुंचे। उन्होंने बिटिया को अपने सामने भर्ती कराया। तब सुबह तकरीबन नौ बजे उसका इलाज शुरू हो सका।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.