किसान आंदोलन- किले में तब्दील हुआ गाज़ीपुर बॉर्डर, अक्षर धाम, नोएडा, इंदिरापुरम जाने वाला रास्ता बंन्द
नई दिल्ली। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। रातो-रात गाजीपुर बॉर्डर को किले में तब्दील कर दिया गया। गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। 26 तारीख को दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना के बाद लगातार किसान वापस जा रहे थे। और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने का आदेश भी दिया गया था। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के मीडिया के सामने रो जाने की घटना के बाद से एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जत्थों का जुटना शुरू हो गया है। हालात ये है कि गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों का मजमा लगना शुरू हो गया है। और दूर-दूर तक एक बार फिर ट्रैक्टर ट्रॉली ही नजर आ रही हैं।
किसानों के बढ़ते हुजूम को देखकर सरकार भी बातचीत करने के लिए तैयार है। शनिवार के दिन हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं से कहा कि किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर नहीं पहुंचे। लेकिन हम किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें किसानों और सरकार के बीच बस एक कॉल की दूरी है।
12 लेयर की बैरिकेडिंग
गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ती संख्या और किसान दिल्ली की ओर कूच ना करें इसके लिए गाजीपुर बॉर्डर पर रातो-रात 12 लेयर की बैरिकेडिंग कर दी गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर ये बैरिकेडिंग दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई है। पुलिस को आशंका है। कि 1 फरवरी को, जिस दिन संसद में बजट सत्र पेश होना है। ऐसे में किसान कहीं दिल्ली की तरफ कूच ना कर दें इसी आशंका के चलते यह बैरिकेडिंग की गई है।
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