ना कोई चोर-ना मुंह जोर, कोई और 'संपादकीय'
अक्सर जब दो पहलवान अखाड़े में जोर आजमाइश करते हैं तो निश्चित रूप से एक को हार दूसरे को विजय अवश्य मिलती है। लेकिन राजनीति का दंगल जरा हटकर है। यहां शाख कोई बनाता है, भीड़ कोई जमाता है और उसका आनंद कोई और ही लेता है।
अगर हम उत्तर-प्रदेश की बात करें तो ज्यादातर विधानसभाओं का यही हाल है। लेकिन इसका एक प्रमाणिक सिद्धांत लोनी विधानसभा क्षेत्र हैं। जिसमें उत्तर-प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका भी सम्मिलित है। नगरीय क्षेत्र की दयनीय हालत किसी से छुपी नहीं है। इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ कोरी राजनीति है। इसे आप घटिया राजनीति भी कह सकते हैं। जिसके चलते क्षेत्र मुख्य विकास धारा से पिछड़ गया है। जनता के हितों को लेकर चिंतन और मनन का अभाव प्रतीत होता है। जनता शायद इसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में देने की फिराक में है। जनप्रतिनिधित्तव का खोकलापन और आडंबर के स्वांग को जनता भी खूब समझने लगी है। कई सालों से विकास की उम्मीद लगाए बैठी जनता को ढेर सारी निराशा के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ होता रहा है।
अबकी बार जनता को भी खेलने का मौका मिलेगा। इसके लिए स्लोगन भी तैयार किया गया है। आपको यह पसंद आएगा, लेकिन केवल पसंद करने से ही काम नहीं चलने वाला है। आपको इस पर कम से कम थोड़ा अमल भी करना होगा। "अबकी बार ना कोई चोर, ना कोई मुंहजोर, कोई और" को आधार बनाने की जरूरत है। किस पार्टी का कैडर क्या है, किस पार्टी से किसको टिकट मिला है? इससे ज्यादा जरूरी है की किसमें क्षमता, जनहित को समर्पित भावना, जन-जन को मुख्यधारा से जोड़ने का जुनून व बुनियादी ढांचे को बदलने की विचार-शक्ति हैं। ऐसे व्यक्ति का चुनाव करने के लिए आपको संकल्प ले लेना चाहिए। आपने किसी के साथ बंधुआ करार तो किया नहीं है। इसलिए उसी के साथ सहयोग की भावना रखनी चाहिए जो आपकी समस्याओं पर संजीदगी से काम करने को तत्पर है। यदि आप स्वयं बदलाव के लिए पहल नहीं करेंगे तो फिर आप पश्चाताप के अलावा कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 अभी काफी दूर है। लेकिन इसके लिए जद्दोजहद शुरू हो चुकी है।
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'
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