अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जिला क्लेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने की। हर बार की तरह इस बार भी लंबित मामलों की वर्तमान स्थिति देखी गई। आम तौर पर इस बैठक में क्षेत्रीय विधायक भी मौजूद होते हैं। बैठक में विधायक मौजूद हों या न हों, तरीका वही रहता है। हर बार की तरह इस बार भी पिछली बार की बैठक में उठे विभिन्न मुद्दों पर संबन्धित विभागों ने अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की। जिलाधिकारी ने इस बार भी संबन्धित अधिकारियों को “मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार” काम करने के निर्देश दिए। बहरहाल, सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बैठक का विवरण इस प्रकार है। डीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। इस मौके पर जिला पर्यावरण और प्रबंधन योजना (डीईएमपी) पर भी विस्तार से चर्चा हुई। डीएम ने योजना के तहत सॉलिड वेस्ट, प्लॉस्टिक, बायोमेडिकल, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन वेस्ट, हिंडन नदी व काली नदी, शहरी में वायु प्रदूषण नियंत्रण, औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण, घरेलू उत्प्रवाह नियंत्रण एवं पुन: प्रयोग, बालू खनन, भूगर्भीय जल व ई-वेस्ट कचरे के प्रबंधन की दिशा में काम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही चेताया कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी सभागार में समिति की बैठक में (औपचारिकता पूरी करने के लिए) डीएम के साथ सीडीओ अस्मिता लाल, जिला वन अधिकारी दीक्षा भंडारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों का निवारण करें। साथ ही आईजीएस अधिकारियों से लोगों को आसानी से आईजीएल का कनेक्शन मिल सके। डीएम ने कार्यदायी संस्थाओं एवं नगरीय निकाय को प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी के निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने वेस्ट मैनेजमेंट को नियमानुसार सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए। डीएम ने कहा कि जिन विभागों ने अभी तक कार्ययोजना प्रस्तुत नहीं की है, वे दो दिन के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.