पटना। राज्य में 50 साल की उम्र सीमा पार कर चुके अक्षम सरकारी सेवकों को जबरन रिटायरमेंट दिए जाने को लेकर सरकार ने जो कवायद शुरू की है, उसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार के फैसले का ना केवल विरोध किया है। बल्कि, यह चेतावनी भी दे डाली है कि अगर ऐसा फैसला किया जाता है तो सरकार आंदोलन झेलने को तैयार है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने कहा है कि पुलिस विभाग में सरकार के इस फैसले को लागू नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस मेंस एसोसिएशन का कहना है कि सरकार इस तरह के फैसले से सामूहिक जनसंघार जैसा कदम उठा रही है। एसोसिएशन का कहना है कि सरकारी सेवकों के ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं और रिटायरमेंट की उम्र सीमा से पहले अगर उन्हें जबरन सेवानिवृत्ति दी जाती है तो इसे मृत्युदंड जैसा ही माना जाएगा। एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने को भी तैयार है।
बता दें कि नीतीश सरकार ने इस काम के लिए एक कमिटी का गठन किया है। 3 सदस्यों और 4 सदस्यों की दो अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव और सचिव की अध्यक्षता में दो समितियों का गठन किया गया है। गृह विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस समिति की अनुशंसा पर जून से जबरन रिटायरमेंट का ड्राइव शुरू हो जाएगा। गृह विभाग से शुरुआत के बाद अब अन्य विभागों में भी अगले महीने समिति बनने लगेगी।
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