चंडीगढ़। कभी-कभी इंसान को कुछ अच्छे काम करने के चलते बड़ी मुसीबतों तक का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे कई उदाहरण सरकारी तंत्र की मार झेल रहे अधिकारियों के साथ भी देखे जा सकते हैं। जहां ईमानदारी के नाम पर शाबाशी नहीं बल्कि ट्रांसफर का तोहफा इन अधिकारियों को मिला है। हरियाणा के आइएएस अफसर अशोक खेमका इस बात का एक बड़ा उदाहरण है। जब-जब उन्होंने कोई बड़ा एक्शन लिया। उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन तबादलों की मार ना केवल अफसर अशोक खेमका को झेलनी पड़ी है। बल्कि कर्नाटक की आइपीएस रूपा दिवाकर मौदगिल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जहां उन्हें करीबन हर 6 महीने में पोस्टिंग या फिर ट्रांसफर का लेटर मिल जाता है। रूपा दिवाकर मौदगिल 2000 बैच की IPS अधिकारी हैं।
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