अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से पर्यावरण बचाव के लिए बार-बार निर्देशों को दोहराने और फटकार लगने के बावजूद शहर के कई स्थानों पर तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाया जा रहा है। दोषी व्यापारियों के खिलाफ न तो प्रदूषण नियंत्रण डिपार्टमेंट इन पर शिकंजा कस रहा है और न ही नगर निगम या जिला प्रशासन। आरडीसी के पॉश इलाके में वीरजी चाप, नमस्ते चाप और लाइव किचन आदि तन्दूरी चाप बेचते हैं। एनजीटी की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम की अनदेखी के कारण तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाकर शहर की आबोहवा को बद से बदतर बनाया जा रहा है। एनजीटी के साफ आदेश है कि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां नहीं चलनी चाहिए किन्तु अधिकारियों की अनदेखी के कारण सब कुछ जायज हो रहा है। आपको बता दें कि गाजियाबाद लगातार प्रदूषण नियंत्रण करने में अक्षम साबित हो रहा है। जिसके मद्देनजर एनजीटी सख्त हुआ और नगर निगम को आदेशित किया कि गाजियाबाद के तमाम होटल, ढाबों आदि पर लकड़ी और कोयले से चलने वाले तमाम तंदूर/भट्टी आदि को बंद किया जाए। इसके साथ ही आदेश का पालन न करने पर जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। हालांकि नगर निगम द्वारा अभियान चलाकर ऐसे तंदूर/भट्टी आदि को खाना पूर्ति के लिए बंद कराया गया। साथ ही कुछ होटल ढाबों आदि से जुर्माना भी वसूला गया है। होटल/ढाबा मालिकों को एक सप्ताह का समय भी दिया गया ताकि वह लोग अपने तंदूर/भट्टी को गैस से चलाए। अब गैस का बहाना है और लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।
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