अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। किसान संगठन दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। पंजाब के जालंधर और पटियाला से कई समर्थक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान नेताओं का दावा है कि परेड में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होंगे। 23 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल भी करेंगे। दिल्ली पुलिस ने अभी तक ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं दी है। टकराव की संभावना को देखते हुए किसानों ने ट्रैक्टरों को फाइबर शीट से कवर किया है, ताकि आंसू गैस और वाटर कैनन से बचा जा सके।
बैरिकेड तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के अगले हिस्सों को भारी लोहे से कवर किया गया है, ताकि ट्रैक्टरों को नुकसान न पहुंचे। गुरदासपुर से आए एक किसान ने बताया, ‘मैं भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के संगठन से जुड़ा हूं। मेरे साथ 500 ट्रैक्टर रवाना हुए हैं, जो 26 जनवरी से पहले दिल्ली पहुंच जाएंगे।’ सूत्रों के मुताबिक, जालंधर, बठिंडा, अमृतसर और फिरोजपुर जैसे जिलों से पिछले कुछ दिनों में पांच हजार से ज्यादा ट्रैक्टर दिल्ली बॉर्डर पहुंच चुके हैं।
एक ट्रैक्टर के डीजल में चार ट्रैक्टर आए
जालंधर के तलवंड से आए युवा किसान जसपाल सिंह बताते हैं कि उनके साथी करीब 50-55 ट्रैक्टर लेकर आए हैं। इसके लिए इन लोगों ने 30 फीट लंबी विशेष ट्रालियां तैयार करवाईं। ऐसी ट्रालियों में दो ट्रैक्टर लोड करके लाए गए हैं। एक ट्रैक्टर के साथ टो करके भी कई ट्रैक्टर लाए गए हैं। मकसद डीजल का खर्च बचाना है। एक ट्रैक्टर को पंजाब से दिल्ली आने में करीब 15 से 20 हजार रुपए का डीजल लगता है। ऐसा करने से एक ट्रैक्टर के डीजल के खर्च में चार-पांच ट्रैक्टर आ जाते हैं।
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