गुरुवार, 28 जनवरी 2021

भारत के चाबुक से पहली बार चीखा-चिल्लाया 'चीन'

बीजिंग/ नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत सरकार के डिजिटल चाबुक से चीन की हालत पतली हो चली है। टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत 100 अधिक चीनी एप पर सरकार के प्रतिबंध का खामियाजा चीन को आर्थिक संकट के रूप में नजर आने लगा है। हाल ही में भारत सरकार ने एक नोटिस जारी कर कहा कि टिकटॉक समेत कुल 59 चीनी एप्स पर लगे बैन को परमानेंट किया जा रहा है। इससे चीन की चिंता और बढ़ गई है। उसने WTO से मामले की शिकायत की है। हालाँकि चीनी ऐप पर बैन को लेकर भारत सरकार ने यह फैसला चीनी कंपनियों के जवाब से असंतुष्ट होकर लिया है। लेकिन इस कदम से एक बार फिर चीन तिलमिला गया है। उसने इस फैसले का विरोध किया है। हालाँकि जब से भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप को बैन किया है, तब से ही ड्रैगन परेशान है। इन कंपनियों को भारत के बड़े पैमाने पर यूजर्स नहीं मिलने से काफी नुकसान हो रहा है। चीन की यही बौखलाहट अब ग्लोबल टाइम्स में देखने को मिल रही है। चीनी कंपनियों के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर ग्लोबल टाइम्स ने इसे भारत का बहाना और चाल बताया है। ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने सीमा विवाद पर अपना गुस्सा उतारने के लिए यह कदम उठाया है। दूसरा घरेलू कंपनियों और भारतीय उत्पाद को जगह देने के लिए। एप पर प्रतिबंध लगने से करोड़ों रुपये का नुकसान से होने से बौखलाए चीन ने कहा कि 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध रखने का भारत सरकार का निर्णय विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ है। इससे चीनी फर्मों को नुकसान होगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी कंपनियों को भारत सरकार से मुआवजे की मांग करनी चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में आरोप लगाया कि विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट पर बैन लगाने की भारत की पुरानी आदत है। उसने यह भी लिखा है कि अमेरिकी, जापानी और साउथ कोरियन कंपनियों को भारत की इस चाल का अनुभव है। चीन ने अपनी रिपोर्ट में इसे विश्व व्यापार संगठन की नीतियों का उल्लंघन तक बता दिया है। उसने दावा किया है कि भारत में विकसित सभी चीनी एप आधिकारिक और कानूनी रूप से पंजीकृत हैं। उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करके भारत में प्रासंगिक बाजार का पोषण किया है। भारत उन्हें पूरी तरह से धकेल रहा है और उन्हें स्थानीय उत्पादों के साथ बदल रहा है। उसने आरोप लगाया है कि इसका भारत की आत्मनिर्भरता से कोई लेना-देना नहीं है, यह बस डकैती है। उधर भारत सरकार ने एक नोटिस जारी कर साफ कर दिया है कि टिकटॉक समेत चीन के अन्य एप पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। सरकार ने सबसे पहले जून में चीन के 59 एप पर और फिर सितंबर में 118 अन्य एप पर रोक लगा दी थी। इनमें टिकटॉक और पबजी जैसे लोकप्रिय एप शामिल हैं। भारत सरकार ने इन एप्स के जरिए इकट्ठा किए जा रहे डेटा और उनके इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए थे। सरकार ने इस संबंध में इन एप्स की कंपनियों से सफाई मांगी थी, लेकिन कंपनियों ने जो जवाब दिए हैं, उससे सरकार संतुष्ट नहीं है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।

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