शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

पाक: महिला व पुरुष एक साथ बैठकर पीते हैं शराब

दुनिया की रहस्मयी विश्व दुनिया की रहस्मयी आबादी महिलाएं और पुरुष एक साथ बैठकर पीते हैं। शराब मौत पर मनाते हैं। खुशी, जाने और भी अजीब बातें 

इस्लामाबाद। कोरोना वायरस महामारी ने साल 2020 में दुनियाभर के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग सिखा दी, लेकिन पाकिस्तान की एक जनजाति कई दशकों से ये कर रही है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर फैली हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला पर रहने वाले कलाश जनजाति के लोग अपनी अनोखी परंपराओं और तौर-तरीकों के लिए जाने जाते हैं। गौरतलब है कि कलाश जनजाति के लोग ये मानते हैं। कि हिंदू कुश पर्वत पर रहने के कारण ही उनकी संस्कृति और परंपराएं बची हुई हैं। क्योंकि हम बाकी समाज से दूर रहते हैं। पाकिस्तान में कलाश जनजाति के लोगों की संख्या लगभग 4,000 है। और ये एक ग्रुप में रहते हैं. इनका बड़ा त्योहार त्योहार चेमॉस है।
हिंदू धर्म जैसी हैं। कलाश जनजाति की परंपराएं जान लें कि कलाश जनजाति की कई परंपराएं हिंदुओं से मिलती-जुलती हैं। ये अनेकदेववाद को मानते हैं। इसका मतलब एक से ज्यादा देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। कलाश जनजाति में बलि देने की परंपरा भी है। हिंदू कुश पर्वत पर रहने के कारण ये बाकी दुनिया से लगभग कटे रहते हैं। हालांकि कई बार खबरें सामने आईं कि पाकिस्तान में इन लोगों का धर्म परिवर्तन करवाकर मुसलमान बनाने की कोशिश भी की गई।
3 साल पहले पाकिस्तान की जनगणना में किया गया शामिल कलाश जनजाति के लोग पहली बार साल 2018 में हुई पाकिस्तान की जनगणना में अलग जनजाति के तौर पर शामिल हुए। पाकिस्तान की 2018 की जनगणना के मुताबिक, वहां कलाश जनजाति के कुल 3,800 लोग रहते हैं। ये लोग अफगानिस्तान और पाकिस्तान की बहुसंख्यक आबादी से अपनी सुरक्षा के लिए पारंपरिक हथियारों के साथ अत्याधुनिक बंदूकें भी अपने पास रखते हैं।

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