अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
गाजियाबाद। शुक्रवार को राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित वेबिनार में विशिष्ट व्यक्तियों ने नेता सुभाष चन्द्र बोस के कार्यो पर अपने विचार रखें। वहीँ वेबिनर के दौरान राष्ट्रीय सैनिक संस्था के आचार्य लोकेश व योगेश श्रीधर द्वारा नेता सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का अनावरण अहमदाबाद में किया गया। दरअसल, हुआ यें की जून 2018 में राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 13वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद के न्यू ट्यूलिप स्कूल में आयोजित किया गया था। जिसका उद्घाटन गुजरात के उपमुख्यमंत्री माननीय नितिन भाई पटेल ने किया था। उस समय नेता सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्कूल में स्थापित करने का संकल्प लिया गया था, जो आज पूरा हुआ। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र विजेता कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने मांग की कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को परम वीर चक्र और भारत रत्न एक साथ दिया, जाना चाहिए। भारत रत्न इसलिए क्योंकि अविभाजित भारत की आजाद हिन्द सरकार के पहले प्रधानमंत्री नेताजी थे। इस सरकार को 10 दिन में 11 देशो ने मान्यता दे दी थी। जिनमे रूस और जर्मनी शामिल थे। परम वीर चक्र इसलिए क्योंकि 60 हजार की आजाद हिन्द फौज के 24 हजार सिपाहियों ने शाहदत दी थी। जिनकी वीरता का उल्लेख स्वयम अंग्रेजो ने बार बार किया है। विश्व शांति दूत आचार्य लोकेश ने कहा कि देश की एकता अखंडता व मजबूती के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचारों की वैक्सीन जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा अहमदाबाद में नेता की प्रतिमा स्थापित होने से युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा मिलेगी। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के गुजरात प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष ऐयर कमोडोर सुरेन्द्र सिंह और प्रदेश संयोजक श्री योगेश श्रीधर जी ने बताया की भारत की आजादी मुख्यत : नेताजी के कारण ही मिली। कमांडर कुम्रेश शर्मा ने खुलासा किया की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एडमंड एटली ने स्वयम स्वीकार किया था की उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व और आजाद हिन्द फौज की कुर्बानियों से घबराकर भारत छोड़ा था। जगत गुरु शंकराचार्य नरेंद्र नन्द सरस्वती ने अपने आशीर्वाद के साथ राष्ट्रिय सैनिक संस्था का आवाहन किया की सुभाष के साथ जितना गलत हुआ है। उसे अब उतना ही ठीक किया जाये। संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फौर्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल चन्द्र प्रकाश ने नेता के चरित्र का वर्णन करते हुए आज के सिपाही का आवाहन किया की, वो सेवा निवृति के बाद भी कर्तव्य निष्ठां और अनुशासन का पालन करें। मेजर जनरल रंजित सिंह , श्री एम के सेठ , श्रीमती सुनिग्धा कदम , कमांडर हरी शंकर शर्मा , चेतना सेनी , स्वाति बंसल , काजोल गौतम , उर्वशी वालिया , अशोक जैन , राजिव खोसला , हापुड़ सेजिलाकोषाध्यक्ष मुकेश प्रजापति,एवं महिला बिग्रेड अध्यक्ष मोनिका त्यागी ने भी विचार रखे।
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