वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि चीन के वुहान शहर में पाये गये कोरोना वायरस का संबंध चीनी प्रयोगशालाओं से जुड़ा हो सकता है। पोम्पियो ने कहा कि अमेरिकी सरकार के पास इस तथ्य पर भरोसे की पुख्ता वहज है क्योंकि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कई शोधकर्ता 2019 के अंत में कोरोना वायरस का पता चलने से पहले ही बीमार पड़ गये थे और उनमें मौसमी बीमारी तथा कोरोना संक्रमण दोनों के लक्षण पाये गये थे। कोविड-19 और आम मौसमी बीमारियों दोनों के अनुरूप लक्षणों के साथ, सर्दियों के मौसम में 2019 में महामारी के पाया गया पहला यहीं पाया गया था। उन्होंने कहा कि इस तथ्य से डब्ल्यूआईवी के वरिष्ठ शोधकर्ता शी झेंगली के उस दावे की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है कि संस्थान के कर्मचारियों और छात्रों में सार्स अथवा सार्स-कोव-2 से संबंधित वायरस के लक्षण नहीं पाये गये। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों का अंतरराष्ट्रीय दल इस सप्ताह के शुरू में इस महामारी की मूल वजहों का अध्ययन करने के लिए वुहान पहुंचा है। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कुछ आंकड़े साझा किये हैं और उम्मीद जतायी है कि डब्ल्यूएचओ चीन के अधिकारियों पर इस प्राणघातक विषाणु के बारे में अधिक जानकारी साझा करने के लिए दबाव डालेगा।
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