नस्ले ज़हरा की ज़मानत हैं अली इब्नुल हुसैन
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। चौथे इमाम ज़ैनुल आबेदीन की यौम ए विलादत ब सआदत के मौक़े पर दरियाबाद स्थित बैतुल हामेदीन मे जश्न की महफिल सजी।मौलाना आज़म मेरठी ने महफिल का आग़ाज़ दुआ ए कुमैल से किया।जावेद करारवी के संचालन में शायरों ने एक से बढ़ कर एक अशआर पढ़े और मौजूद लोगों की दाद व तहसीन बटोरी।मौलाना जव्वाद हैदर जव्वादी (जूदी)ने चौथे इमाम ज़ैनुल आबेदीन की करिशमाई फज़ीलत बयान की।महफिल के आयोजक शायर व मौलाना आमिरुर रिज़वी ने सबसे पहले अपना अशआर पढ़ कर शायराना महफिल का आग़ाज़ किया।
शायर डॉ क़मर आब्दी ने पढ़ा:-
करबला के बाद नस्ले फात्मा इनसे चली'
नस्ले ज़हरा की ज़मानत हैं अली इब्नुल हुसैन,
शायर तूफान दरियाबादी ने इमाम सज्जाद के करिशमे का ज़िक्र करते हुए पढ़ा:-
जो बना देते हैं पानी को भी गौहर ऑबदार'
आपके दस्ते करामत हैं अली इब्नुल हुसैन,
जावेद रिज़वी करारवी ने अपने तास्सुरात का कुछ इस अन्दाज़ मे इज़हार किया:-
'पढ़ कर तो कोई देखे सज्जाद का सहीफा'
लहजा है कितना मिलता क़ुरआन की ज़बाँ से,
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