रविवार, 31 जनवरी 2021

तिरंगे के अपमान से मन दुखी हुआ 'मन की बात'

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद बजट सत्र भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली। उन्होंने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का समारोह अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने ने कहा कि मेड इन इंडिया वैक्सीन से भारत का आत्मगौरव बढ़ा है और ये आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार खेती को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत से हजारों किलोमीटर दूर, कई महासागरों, महाद्वीपों के पार एक देश है, जिसका नाम है चिली। भारत से चिली पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता है, लेकिन भारतीय संस्कृति की खुशबू वहां बहुत समय पहले से ही फैली हुई है।कॉलेज के रास्ते में भाग्यश्री को ये सॉफ्ट स्टोन्स मिले, उन्होंने, इन्हें एकत्र किया और साफ किया। उन्होंने रोजाना दो घंटे इन पत्थरों पर पट्टचित्र स्टाइल में पेंटिंग की। कुछ दिन पहले ही, सुभाष बाबू की जयंती पर भाग्यश्री ने पत्थर पर ही उन्हें अनोखी श्रद्धांजलि दी।

खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। 
इसी क्रम में मुझे पश्चिम बंगाल से जुड़ी एक बहुत अच्छी पहल के बारे में जानकारी मिली, जिसे, मैं, आपसे साथ जरुर साझा करना चाहूंगा।मपर्यटन मंत्रालय के रीजिनल ऑफिस ने महीने के शुरू में ही बंगाल के गांवों में एक इनक्रेडिबल इंडिया वीकेंड गेटअवे की शुरुआत की।
कुछ ही दिन पहले मैंने एक वीडियो देखा। वह वीडियो पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर स्थित ‘नया पिंगला’ गांव के एक चित्रकार सरमुद्दीन का था। वो प्रसन्नता व्यक्त कर रहे थे कि रामायण पर बनाई उनकी पेंटिंग दो लाख रुपये में बिकी है। इससे उनके गांववालों को भी काफी खुशी मिली है।
अब बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, झांसी की एक बेटी- गुरलीन चावला ने। लॉ की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है।

पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला ‘स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल’ शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्य होता है- स्ट्रॉबेरी और बुंदेलखंड, लेकिन, यही सच्चाई है।
कुछ दिन पहले आपने देखा होगा, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से बंगलूरू के लिए एक नॉन स्टॉप फ्लाइट की कमान भारत की चार वूमेन पायलट्स ने संभाली। दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा सफर तय करके ये फ्लाइट सवा दो-सौ से अधिक यात्रियों को भारत लेकर आई।
पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से ‘मोन शुगु’ नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है
11:26 AM, 31-JAN-2021
बोयिनपल्ली में फेंकी हुई सब्जियं से बनती है बिजली
बोयिनपल्ली सब्जी मंडी में हर रोज बेकार बची हुई सब्जियों से व्यापारियों द्वारा बिजली बनाने की पहल ‘इनोवेशन’ की ताकत है।
हैदराबाद के बोयिनपल्ली में, एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह, अपने दायित्व को निभा रही है, ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी तय किया है कि बचने वाली सब्जियों को ऐसे फेंका नहीं जाएगा, इससे बिजली बनाई जाएगी।
मन की बात कार्यक्रम देशवासियों से जुड़ने का एक बेहतर अवसर है जिसमें देश के प्रति लोगों का जज्बा और जूनून है, प्रेरणादायक हैं जो मुझे ऊर्जा से भर देते हैं। 
पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से ‘मोन शुगु’ नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है और यहां के आदिवासी भाई-बहनों को रोजगार भी मिल रहा है।
हैदराबाद के बोयिनपल्ली में, एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह, अपने दायित्व को निभा रही है,ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। हम सबने देखा है कि मंडियों में अनेक वजहों से सब्जियां खराब हो जाती हैं, लेकिन बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी तय किया है कि बचने वाली सब्जियों को ऐसे फेंका नहीं जाएगा।
यंग राइटर्स के लिए इंडिया सेवेंटी फाइव के निमित्त एक इनिशिएटिव शुरू किया जा रहा है। इससे सभी राज्यों और भाषाओं के युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का समारोह– ‘अमृत महोत्सव’ शुरू करने जा रहा है।
11:20 AM, 31-JAN-2021
संकट के समय भारत दुनिया की सेवा कर रहा है
भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि भारत आज दवाओं और वैक्सीन को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है।
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पैतृक निवास में मिली ऐतिहासिक तस्वीरें और पुस्तकें प्रेरणादायी हैं।

11:16 AM, 31-JAN-2021
मेड इन इंडिया वैक्सीन गर्व की बात है
भारत आज दवाओं और वैक्सीन को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है। भारत जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा।
विभिन्न देशों में भेजे गए ‘मेड इन इंडिया वैक्सीन’ के लिए उन देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के भेजे गए प्रशंसा भरे संदेश, देश के लिए गर्व की बात।
‘मेड इन इंडिया वैक्सीन’ आज भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक है ही, भारत के आत्मगौरव का भी प्रतीक है
आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन भी कर रहे हैं।
11:12 AM, 31-JAN-2021
हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी दुनिया में मिसाल बन रहा है
इस साल की शुरुआत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई उदाहरण बनी है। वैसे ही अब हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन प्रोग्राम चला रहा है।
राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है।
राष्ट्रपति जी द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधन के बाद ‘बजट सत्र’ भी शुरू हो गया है। इन सभी के बीच एक और कार्य हुआ, जिसका हम सभी को बहुत इंतजार रहता है- ये है पद्म पुरस्कारों की घोषणा।
इन सबके बीच, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाड़ियों का हार्ड वर्क और टीमवर्क प्रेरित करने वाला है। कुछ दिन पहले की ही तो बात लगती है जब हम एक दूसरे को शुभकमनाएं दे रहे थे, फिर हमने लोहड़ी मनाई, मकर संक्रांति मनाई, पोंगल, बिहु मनाया। देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की धूम रही।
जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये – बस यही तो है ‘मन की बात’।
कार्यक्रम की शुरुआथ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं आपसे मन की बात करता हूं ऐसा लगता है कि मैं आपके परिवार का सदस्य हूं। इसके जरिए मुझे आपके बीच होने का अहसास होता है। लग ही नहीं रहा है कि साल का पहला महीना बीत गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम को आप आकाशवाणी पर लाइव सुन सकते है। प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर पेज और भाजपा के ट्विटर और फेसबुक पेज के जरिए भी आप इसे सुना सकते हैं।

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