अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार कई हितधारकों के साथ प्री-बजट चर्चा कर रही है। इस बीच यह उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्रालय इस बार कोविड-19 उपकर ला सकता है। हालाँकि संभावना है कि कोविड-19 उपकर पर अंतिम फैसला बजट के करीब आने पर ही लिया जाए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2021 को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करेंगी। कोरोनावायरस महामारी के बीच सभी की निगाहें 2021-22 के लिए केंद्र सरकार के आगामी बजट पर टिकी हैं। भारत कोविड संकट के कारण लगे तगड़े आर्थिक झटके के बाद वापस विकास की पटरी पर लौटना चाहता है। इसलिए जानकार आगामी बजट को बहुत अहम मान रहे हैं। सरकार ने राजस्व बढ़ाने के उपायों पर कुछ शुरुआती चर्चा हुई है, लेकिन सेस या सरचार्ज के रूप में नया टैक्स लगाने पर अंतिम फैसला बजट के करीब लिया जाएगा। हालांकि इंडस्ट्री ने इकोनॉमी के दबाव में होने के कारण कोई नया टैक्स न लगाने को कहा है। केंद्र कई हितधारकों के साथ कोविड सेस पर चर्चा कर रही है। इंडिया.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती बातचीत में उच्च आय वर्क अंतर्गत आने वाले करदाताओं पर सेस और कुछ अप्रत्यक्ष कर लगाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा केंद्र सरकार मौजूदा एक्साइज ड्यूटी के ऊपर पेट्रोलियम और डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की भी योजना बना रही है। हालांकि सरकार ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है। इससे पहले नीती आयोग के एक सदस्य ने पुष्टि की थी कि केंद्र सरकार कम से कम 30 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीनेशन लागत को वहन करेगी। सरकार ने पुष्टि की है कि पहला राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी को शुरू होगा। इसके अलावा केंद्र वितरण, प्रशिक्षण और रसद के लिए बड़ी राशि खर्च करेगा। सरकार को इन अतिरिक्त खर्चों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए उच्च आय वाले लोगों पर कोविड-19 उपकर का लगना एक संभावना है। बता दें कि 2021-22 के लिए देश का बजट बनाने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद करने वालों में वित्त सचिव ए बी पांडे, आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज, निवेश एवं लोक परिसंपत्ति विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे, वित्त सेवा सचिव देवाशीष पांडा, व्यय सचिव टी वी सोमनाथन और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम और मंत्रालय के अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
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