इस महीने की 14 तारीख को जारी संघीय रजिस्टर अधिसूचना में विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, ”प्रशासनिक दस्तावेजों की समीक्षा के आधार पर …मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जिन परिस्थितियों के अधार पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित किया जाता है, उनमें इतना बदलाव नहीं आया कि इन्हें प्रतिबंधों से बाहर किया जाए और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा उन संगठनों को प्रतिबंधों से बाहर करने की अनुमति नहीं देती।”
उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा ने वर्ष 2008 में मुंबई पर हमले को अंजाम दिया था और अमेरिका द्वारा 2001 से ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित है। विदेश मंत्रालय ने पहले बताया था कि लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद से वह प्रतिबंधों से बचने के लिए लगातार अपना नाम बदल रहा है और मुखौटा संगठन बना कर काम कर रहा है।
अमेरिका के राजस्व विभाग ने इस महीने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने के अभियान के तहत अमेरिका ने वर्ष 2019 में लश्कर-ए-तैयबा की 3,42,000 डॉलर की मदद बाधित की।
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