भ्रष्टाचार पर जिलाधिकारी का अंकुश जारी, लेखपाल को निलंबित तो वाहन चालक को सेवा मुक्ति
गोण्डा। नवागत जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी रखते हुए जहाँ एक भ्रस्ट लेखपाल को निलंबित किया वही दूसरी ओर एक वाहन चालक की सेवा समाप्त किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ डीएम मार्कंडेय शाही का जीरो टॉलरेंस जारी है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने व काटने के लिए लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत संज्ञान में आते ही डीएम श्री शाही ने ग्राम बिसवां गणेश, खरहटिया, विकासखंड पंडरीकृपाल की लेखपाल दीपा सैनी को सस्पेंड करते हुए संबन्धित लेखपाल के खिलाफ जांच बैठा दी है तथा लेखपाल के पर्वेक्षनीय अधिकारियों की भूमिका तथा नियंत्रण में शिथिलता के लिए भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि आज दोपहर ग्राम बिसवां गणेश, खरहटिया, की लेखपाल दीपा सैनी द्वारा रिश्वत मांगने का प्रकरण संज्ञान में आया था जिस पर डीएम ने कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने बताया की मतदाता सूची में नाम जोड़ने और घटाने को लेकर आई इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए संबंधित सभी अधिकारियों का भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
वही दूसरी ओर जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज के तीमारदार से खून दिलाने के लिए पैसा वसूलने वाले शव वाहन के चालक चन्द्र प्रकाश सिंह की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मियों की संलिप्तता की जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट वंदना त्रिवेदी को जांच सौंपी गई है।
बताते चलें कि मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए डीएम मार्कण्डेय शाही ने जिला अस्पताल में परसपुर विकासखंड के हड्डी वार्ड में भर्ती मरीज फूलचंद को खून की आवश्यकता पड़ने पर उसके तीमारदार से शव वाहन के संविदा कर्मी चालक चन्द्र प्रकाश द्वारा सात हजार रुपए वसूल लेने की शिकायत प्रकाश में आई, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम ने संबंधित चालक को सेवा से पृथक् करते हुए प्रकरण में शामिल ब्लड बैंक कर्मियो की संलिप्तता की जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट गोंडा को जांच अधिकारी नामित करते हुए मामले की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी गई है। डीएम श्री शाही ने कहा है शासन की मंशानुरूप भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका क्विक एक्शन जारी रहैगा।
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