बताना लाजमी है कि एक बार फिर से किसानों का हुजूम बॉर्डरों की तरफ बढ़ने लगा है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा को जोडऩे वाले सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान व स्थानीय ग्रामीण आमने-सामने आ गए। बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने बहादुरगढ़ के साथ लगते टिकरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट जारी किया है। अर्द्धसैनिक बलों की 15 टुकडय़िां यहां सुरक्षा की दृष्टि से तैनात की गई। टिकरी बॉर्डर और झाड़ोदा बॉर्डर पर बैरीकैडिंग की संख्या बढ़ाई गई है। 3 कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों का आज 67 वां दिन रहा। टिकरी बॉर्डर पर दिनभर सभा का आयोजन होता रहा। किसानों के 15 किलोमीटर पड़ाव में भी अलग-अलग जगह बैठकों का दौर चला।
उधर, झाड़ोदा बॉर्डर पर सुरक्षा की दृष्टि से मिट्टी से भरे ट्रकों को खड़ा किया गया। साथ में यहां सुरक्षा पहरा कड़ा किया गया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बैरीकैडिंग इस तरीके से की है कि कोई अकेला व्यक्ति भी यहां से न निकल पाए। पुलिस ने सबसे पहले लोहे के बैरीकैड पर कटीली तारें भी लगाई हैं। इसके बाद 2-3-ट्रकों को मिट्टी से भरकर खड़ा किया गया है। इससे आगे 200 मीटर पर फिर लोहे के बैरीकैड और फिर दिल्ली में झाड़ोदा गांव के नजदीक से निकल रही ड्रेन पर भी बैरीकैडिंग की गई है। भारी संख्या में पुलिस कर्मियों और अर्द्ध सैनिक बलों को लगाया गया है। कच्चे रास्तों पर भी बैरीकैडिंग कर दी गई है। फिलहाल टिकरी और झाड़ोदा बॉर्डर से लोगों की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई है।
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