नई दिल्ली। वैक्सीन मैनुफैक्चरिंग के बाद अब भारत बड़े वैक्सीन सप्लायर के रूप में भी आगे बढ़ रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम तेजी से चल रहा है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू होने के बाद से भारत में इसके बहुत ही कम साइड इफ़ेक्ट देखे गए है। वहीं दुनिया के करीब 92 देशों ने भारत की कोवैक्सीन और कोविशील्ड मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन की माँग की है।
कौन सी कंपनी कर रही है वैक्सीन का उत्पादन
भारत की स्वदेशी वैक्सीन आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का सीरम इंस्टीट्यूट उत्पादन कर रहा है जबकि कोवैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक कर रहा है। हाल ही में रिपोर्ट आई हैं कि चीन की वैक्सीन ज्यादा प्रभावशाली नहीं, ऐसे में भारत की बनी वैक्सीन की डिमांड बढ़ना लाजमी है।
कौन-कौन सा देश कर रहा है वैक्सीन की माँग
गौरतलब है कि कुछ देशों ने भारत सरकार से इसकी माँग की है तो कुछ सीधे वैक्सीन डेवलपर कंपनियों को इसके ऑर्डर भेज रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की वैक्सीन को लेकर डोमिनिकन रिपब्लिक अपनी काफी दिलचस्पी दिखा रहा है। वहाँ के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा हैं। इस पत्र में उन्होंने विशेषरुप से वैक्सीन के खेप को उनके देश भेजने का अनुरोध किया है। महामारी के घातक परिणामों से त्रस्त पीएम ने अपने पत्र में मोदी से कहा है कि पूरी विनम्रता के साथ मैं आपसे वैक्सीन भेजने का अनुरोध करता हूँ, ताकि हम अपने लोगों को महामारी से सुरक्षित कर सकें। डोमिनिकन रिपब्लिक से पहले वैक्सीन को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख चुके है। अनुरोध पत्र भेजने के बाद ब्राजील का विमान भी कोरोना वैक्सीन लेने के लिए भारत पहुँच चुका है। इसके अलावा बोलीविया की सरकार ने 50 लाख डोज कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है।इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, जापान, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और थाईलैंड भी भारत की वैक्सीन के लिए बेताब हैं।
पड़ोसी देशों को पहले मिलेगी भारत की वैक्सीन की खेप
भारत सरकार अपने पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार समेत कई पड़ोसी देशों को पहले वैक्सीन की खेप भेजेगी। इसी के तहत कई देशों को वैक्सीन की आपूर्ति भी की जा चुकी है तो वहीं कुछ देशों को आने वाले कुछ ही दिनों में की जाएगी। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था, नेपाल ने भारतीय वैक्सीन सबसे पहले पाई। हम पड़ोसियों की मदद सबसे पहले कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में बांग्लादेश के साथ वैक्सीन मैत्री को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भारत ने घोषणा की थी कि वह अपने पड़ोसी देशों भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को बहुत जल्द वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस में वैक्सीन की आपूर्ति तब की जाएगी जब वहाँ की नियामक संस्थाएँ भारतीय वैक्सीन को स्वीकृति प्रदान कर देंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर पाकिस्तान भी भारत से वैक्सीन की डिमांड करता है तो भारत को उसे देने में कोई दिक्कत नहीं है। बता दें, कई देशों से आ रहे माँगों के बीच भारत से बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव देशों को कोविड टीके की खेप भेजी जा चुकी है। भारत कुछ ही दिनों में म्यांमार, सेशेल्स को भी covid-19 के टीके की आपूर्ति करेगा। भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड टीके की 1,50,000 खुराक भूटान को जबकि 1,00,000 खुराक मालदीव को भेजी थी। इसके अलावा म्यांमार के लिए शुक्रवार को कोविशील्ड की 15 लाख खुराक भेजने की बात कही गई थी। जिसे आज सेसेल्स और मारीशस को भेजे जाने वाले डोज के साथ रवाना कर दिया जाएगा।
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