पटना। बिहार में इन दिनों आपराधिक मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। क्राइम के बढ़ते ग्राफ को लेकर नीतीश सरकार की काफी फजीहत हो रही है। अपराध रोकने में नकारा साबित हो रही बिहार की पुलिस डिपार्टमेंटल परीक्षा में दौड़ भी नहीं पा रही है। आपको ये बात जानकार हैरानी होगी कि एसटीएफ कमांडो की शारीरिक परीक्षा में बिहार पुलिस के 70 सिपाही हो फेल गए। जिसमें ज्यादातर सिपाही 800 मीटर की दौड़ भी नहीं लगा पाएं। एसटीएफ में कमांडो बनने के लिए 28 वर्ष की उम्र सीमा तय की गई है। 28 वर्ष से कम उम्र होने के बावजूद कई जवान एसटीएफ द्वारा तय मापदंड पर खरे नहीं उतर पाएं। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर और जनवरी महीने में हुई फिजिकल टेस्ट में बिहार पुलिस के लगभग 40 परसेंट सिपाही फेल हो गए। ज्यादातर सिपाही तो दौड़ भी पूरी नहीं कर पाएं।
आपको बता दें कि एसटीएफ में कमांडो बनने के लिए जो पैमाना तय है उसके मुताबिक सिपाहियों को 800 और 100 मीटर की दौड़ लगानी होती है। 800 मीटर की दौड़ 2 मिनट 40 सेकेंड और 100 मीटर की दौड़ 14 सेकेंड में पूरा करना होता है। एसटीएफ ने शारीरिक परीक्षा का आयोजन बिहार सैन्य पुलिस-5 के परिसर में किया था। इसके लिए जिला और विभिन्न पुलिस इकाइयों से 200 से अधिक सिपाही शामिल हुए. पर 127 ही इस शारीरिक परीक्षा को पास कर पाए। बाकी के जवान एसटीएफ द्वारा तय मापदंड पर खरा नहीं उतर पाए। दौड़ में अधिकतर सिपाही बाहर हो गए। जवानों को बारी-बारी से बगैर रुके 30 सीट-अप और इतने ही पुश-अप करने होते हैं। वहीं 10 चीन-अप भी एकबार में लगाने पड़ते हैं। एसटीएफ ने जो मापदंड रखा है वह 28 वर्ष तक के सिपाहियों के लिए बहुत कठिन नहीं है। बावजूद इसके 200 से अधिक सिपाहियों में मात्र 127 ही इसे पूरा कर पाए।
आपको बता दें कि एसटीएफ की परीक्षा में जितने भी सिपाही पास हुए हैं, अब उन्हें दो महीने स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें एसटीएफ में कमांडो की जगह दी जाएगी। बाद में इन्हें ग्रेहाउंड में भी प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.