राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। आप में अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो किसी भी तरह की चुनौती आप को रोक नहीं सकती। मुसीबतें चाहे जितनी भी हों लेकिन वो इंसान कुछ कर गुजरता है जिसके सपने बड़े होते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है। आईएएस आरती डोगरा की जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर वो मुकाम हासिल किया। जिसे आज हर कोई सलाम करता है |कद तीन फुट तीन इंच होने के चलते आरती डोगरा ने वो सब कर दिखाया जो लोगों की मानसिकता को बदलकर रख देगा। दरअसल, उत्तराखंड के देहरादून में जन्मी आरती डोगरा का जन्म एक पढ़े-लिखे परिवार में हुआ। उनके पिता राजेंद्र डोगरा भारतीय सेना में कर्नल के पद पर कार्यरत हैं और मां कुमकुम डोगरा एक स्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं। शादी के बाद उनके घर में पहली बेटी के रूप में आरती डोगरा ने जन्म लिया लेकिन जन्म के दौरान डॉक्टरों ने कहा था कि शारीरिक रूप से आरती कमजोर है। जिसके बाद माता पिता ने फैसला लिया कि वो दूसरे बच्चे को जन्म ना देकर आरती का ही अच्छे तरीके से पालन पौषण करेंगे। उम्र बढ़ने के साथ-साथ आरती डोगरा का कद नहीं बढ़ पा रहा था जिसके चलते आसपास से गुजरने वाले लोग उन्हें देखकर मजाक बनाते थे लेकिन आरती ने अपने सपने काफी बड़े और ऊंचे रखे थे। उन्होंने ऐसे लोगों से दूरी बनाई और जीवन में कुछ करने की ठानी। आरती ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के ही वेल्हम गर्ल्स स्कूल से की। आरती पढ़ाई में शुरू से ही अच्छी रही और ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली गई जहां उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज कार्मस में दाखिला लिया और अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी पास करने का सपना
अपने सपनों को पूरा करते हुए आरती डोगरा ने कभी अपने कद को सफलता के आड़े नहीं आने दिया और ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की दी। दिन रात मेहनत कर 2006 में पहली ही बार में आईएएस की परीक्षा पास कर ली और लोगों के मुंह बंद कर अपने माता-पिता का मान बढ़ाया। आरती डोगरा की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और छोटी सोच रखने वाले के लिए एक चुनौती बनी।
आईएएस बनने के बाद लोगों की सेवा में आरती डोगरा जुट गई और उनकी पोस्टिंग बीकानेर में हुई जहां उन्होंने लोगों की सेवा करते हुए बंका बिकाणों अभियान चलाया और लोगों से इस अभियान का हिस्सा बनने की अपील की। आरती डोगरा ने लोगों से अनुरोध किया कि वो स्वच्छता बनाने के लिए खुली जगहों में शौच ना करें और कूड़ेदान का उपयोग कर अपने इलाके को स्वच्छ बनाएं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने गांवों में शौचालयों का निर्माण करवाया और करीब 195 ग्राम पंचायतों में शौचालय बनवाए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
समय बीतने के साथ ही आईएएस आरती डोगरा का बंका बिकाणों अभियान सफल होने लगा और दूसरे जिलों के लोग भी स्वच्छता के प्रति जागरूक होने लगे। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी आरती डोगरा द्वारा चलाए गए इस अभियान की तारीफ की। आईएएस आरती डोगरा आज कई लोगों के लिए मिसाल हैं। उन्होंने कर के दिखाया कि आपकी शारीरिक सरंचना आपके सपनों के बीच में नहीं आ सकती। छोटे कद से बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा किया जा सकता है। पर जरूरत है तो सच्ची लग्न और खुद पर विश्वास रखने की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.