नीतीश कुमार के साथ बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने डीजी सेल में तैनात 23 पुलिसकर्मियों को हटा दिए है। इसमें कई डीएसपी, इंस्पेक्टर, दारोगा शामिल थे। सभी को वापस अपने जिले में योगदान करने का निर्देश दिया है। इनको मुख्यालय से हटा दिया गया है।
सरकार की हो रही फजीहत
बिहार में रोज बैंक लूट, आभूषण दुकान, कारोबारी से लूट, मर्डर और गैंगरेप की घटनाएं रोज हो रही है। जिससे विपक्ष बिहार के सुशासन की सरकार पर सवाल उठा रहा है। यहां तक की महाजंगल राज का नाम दे रहे है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार अधिकारियों को क्राइम कंट्रोल करने को लेकर कई आदेश दे रहे हैं। इसको लेकर ही हाल के दिनों में वह पुलिस मुख्यालय में दो बार अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं और चेतावनी दे चुके हैं।
अधिकारियों को चेताया था
23 दिसंबर को सीएम नीतीश कुमार ने दो टूक शब्दों में कह दिया था कि या तो क्राइम कंट्रोल करिए या फिर पुलिस के महत्वपूर्ण पदों को छोड़ दीजिए। मुख्यमंत्री ने लगभग ढाई घंटे तक पटेल भवन में वक्त बिताया। इस दौरान मीटिंग भी की और पटेल भवन के अलग-अलग हिस्सों का जायजा भी लिया था। मुख्यमंत्री जब पटेल भवन का निरीक्षण कर रहे थे इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कहा कि हमने पुलिसिंग को मुस्तैद बनाने के लिए हर संभव कोशिश की है। राज्य सरकार स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दे रही। पुलिस को सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर रिजल्ट नहीं मिलता और बिहार में क्राइम पेट्रोल लॉ ऑर्डर ठीक नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में उनके पास कोई विकल्प नहीं रह जाता है। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि अब वह किसी को बख्शने के मूड में नहीं है। अपराधियों के ऊपर हर हालत में लगाम लगानी होगी। पटेल भवन से निकलते वक्त नीतीश कुमार ने जब मीडिया से बातचीत की तो इसमें भी उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह आगे भी पुलिस महकमा आते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हर दिन में यहां नहीं आ सकते लेकिन अब बीच-बीच में आना लगा रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि और बेहतर काम करने के लिए उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की है।
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