अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। लोग भारत को सोने की चिड़िया कहते थे। शुरूआत करने के लिए, सोने में निवेश करने का कोई सही या गलत समय नहीं है। सोना सभी निवेशक पोर्टफोलियो का एक हिस्सा है। इसका उपयोग विविधीकरण और रीबैलेंसिंग के उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाता है। और, यह एक आकर्षक वस्तु भी है। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के एवीपी-रिसर्च- कमोडिटी एंड करेंसी, प्रथमेश माल्या के अनुसार, 2005 के बाद से, सोने ने सात गुना से अधिक रिटर्न दिया है। दूसरी ओर, बीएसई सेंसेक्स जैसे बेंचमार्क इंडेक्स ने लगभग पांच गुना रिटर्न दिया है। 2020 में ही, सोने ने 25 फीसदी का रिटर्न दिया है।
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