- चीन के थिंक टैंक का दावा है कि अमेरिका के एंटी सबमरीन जेट फाइटर्स ने शंघाई के करीब उड़ान भरी
- दक्षिण चीन सागर में दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है, ताइवान भी चीन को जवाब देने के लिए तैयार
बीजिंग/नई दिल्ली।अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर विवाद बढ़ रहे हैं। लेकिन, अमेरिका के एक कदम से चीन दहशत में आ गया है। चीन के सरकार समर्थित एक थिंक टैंक ने दावा किया है कि रविवार को एक अमेरिकी फाइटर जेट ने शंघाई के करीब उड़ान भरी। यह फाइटर जेट चीन की इस कमर्शियल सिटी से महज 100 किलोमीटर दूर था। चीन के विदेश या रक्षा मंत्रालय ने अब तक आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी।
जैसे को तैसा
चीन अकसर दक्षिण चीन सागर में ताइवान, फिलीपींस और मलेशिया जैसे छोटे देशों को फाइटर जेट्स उड़ाकर धमकाता आया है। अब अमेरिका ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बीजिंग के स्ट्रैटेजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनिशिएटिव (एससीएसपीआई) थिंक टैंक की रिपोर्ट पब्लिश की है। यह थिंक टैंक सीधे तौर पर चीनी फौज से भी जुड़ा है और उसे रणनीति बनाने में मदद करता है।
किस तरह के थे अमेरिका फाइटर जेट्स
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी नेवी के पी-8ए और ईपी-3ई एयरक्राफ्ट्स ने साउथ चाइना सी में उड़ान भरते हुए चीन के झेजियांग और फुजियान तक उड़ान भरी। इसके बाद पी-8ए वापस लौटा और फिर यह शंघाई से 100 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरता रहा। इस फाइटर जेट की सबसे खास बात यह है कि यह किसी भी सबमरीन को चंद सेकंड में न सिर्फ खोज निकालता है बल्कि पलक झपकते ही उसे अपनी मिसाइलों से तबाह कर देता है।
नीचे वॉरशिप ऊपर फाइटर जेट
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका कितनी तेजी से आक्रामक रुख अपना रहा है, उसकी जानकारी इसी थिंक टैंक ने दी है। इसके मुताबिक, जब अमेरिकी नेवी के फाइटर जेट्स उड़ान भर रहे थे। उसी वक्त साउथ चाइना सी के संवेदनशील हिस्से में अमेरिकी वॉरशिप भी ड्रिल कर रहे थे। फाइटर जेट्स कई बार इन वॉरशिप्स के ठीक ऊपर नजर आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के वॉरशिप अब दक्षिणी चीन के किसी भी पोर्ट या शहर को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं। खास बात ये है कि चीन ने अब तक इस पर कुछ नहीं कहा है।
तनाव कम होने की उम्मीद नहीं
अमेरिका ने ताइवान और फिलीपींस से कुछ दिनों पहले ही साफ कह दिया था कि वे चीन की ताकत के आगे खुद को कमजोर महसूस न करें। अमेरिकी नेवी कमांडर इन दोनों देशों की सेनाओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं। 2017 से अब तक अमेरिका और चीन की नेवी कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। हालांकि, अब तक सीधा टकराव नहीं हुआ। अब ऑस्ट्रेलिया भी चीन को चुनौती देने के लिए सामने आ गया है। इस क्षेत्र में अब चीन अकेला पड़ गया है।