मुंबई। अरब सागर में हवा का कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसके एक विकराल चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है, जो तीन जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों से होकर गुजरेगा। इससे मुंबई के अत्याधिक प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में वहां तैयारियां तेज हो गई हैं। चक्रवाती तूफान के उत्तर कोंकण के किनारे आने के अनुमान के चलते NDRF की टीमें संभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। मुम्बई, ठाणे के साथ पालघर में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। पालघर में NDRF की दो टीमें तैनात की गई हैं। जो आज सुबह से समुद्र किनारे बसे गांवो में जाकर मकानों के सर्वे करेंगी। जिला प्रशासन की तरफ से कच्चे मकानों में रहने वालों को स्कूल और दूसरे सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने का आदेश कल ही जारी कर दिया गया था। साथ ही मछुआरों को भी अपनी नाव वापस लाने को कहा गया है। बीएसमी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि सभी लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है।
बीएमसी ने मुंबई के बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों पेट्रोकेमिकल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने सामानों और संसाधनों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसके अलावा सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बधित नहीं होनी चाहिए, वह अपने जेनरेटरों व दूसरी व्यवस्थाओं को पूरी दुरुस्त रखें। चक्रवाती तूफान की चपेट में रायगढ़ का समुद्र किनारा भी आ सकता है इसलिए वहां भी एतिहाति कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में अलग अलग इलाकों में कुल 10 NDRF की टीमें तैनात की गई हैं।
मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दबाव बढ़कर गहरे दबाव क्षेत्र में बदलेगा और आज शाम तक वह किसी भी चक्रवात के तीसरे या चौथे चरण में पहुंच जाएगा। आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि दो जून तक यह एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा, ‘‘ इस तूफान के दो जून सुबह उत्तर की ओर बढ़ने की आशंका है और फिर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगा और तीन जून शाम या रात को हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को पार करेगा'। रायगढ़ और दमन के बीच लगभग 260 किलोमीटर में फैला यह हिस्सा देश के सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले स्थानों में से एक है। मुंबई के अलावा, इससे ठाणे, नवी-मुम्बई, पनवेल, कल्याण-डोम्बिवली, मीरा-भयंदर, वसई-विरार, उल्हासनगर, बदलापुर और अंबरनाथ जैसे शहर भी प्रभावित होंगे।