किसानों के समर्थन में रायपुर वाम दलों का संयुक्त प्रदर्शन, फूंका प्रधानमंत्री मोदी का पुतला
रायपुर। वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत किसानों की मांगों के समर्थन में तथा किसान आंदोलन पर मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे दमन के खिलाफ आज देशभर के हर शहरों में वाम कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन किया । रायपुर में शाम 5 बजे माकपा, भाकपा-माले(लिबरेशन), सीटू, एसएफआई, नवजवान सभा, तथा किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध नारे लगाते हुए नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका, प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता तथा माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य साथी धर्मराज महापात्र ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जिन तीन कृषि कानूनों को किसानो के हित में बता रही है , दरअसल ये कानून कॉरपोरेट घरानों और दल्लालो के हित में बनाया गया है और इसमें समर्थन मूल्य पर किसान के अनाज की खरीद से हाथ खींचकर उसे पूरी तौर पर लूट के लिए कार्पोरेट के हवाले कर दिया है, उसने मंडी व्यवस्था को समाप्त कर उसे गुलामी केआर रास्ते पर धकेलने का काम किया है, अत्यवश्यत वस्तु अधिनियम में संशोधन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त कर अनाज की आम जनता से लूट का रास्ता खोल दिया है। बेशर्म सरकार अम्बानी अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों का हक और खेती को कार्पोरेट फार्मिंग के जरिए बेचना चाहती है, कई साल से किसान फसल के उचित दाम के लिए, सस्ते कर्ज के लिए, लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे थे और अब भी कर रहे, लेकिन इन मांगों को सुनने और लागू करने के बजाय मोदी सरकार सीधे-सीधे सारी फसल को कॉरपोरेट घरानों के हाथों सौपने का काला कानून ले के आयी है, उन्होंने किसानों पर किये जा रहे पुलिसिया जुल्म की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान के साथ इस तरह का बर्ताव देश की जनता नही सहेगी, वाम कार्यकर्ताओ ने इन प्रदर्शनों के जरिये आंदोलनरत किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस आंदोलन को देशभर में विस्तार किया जाएगा, सभा को भाकपा-माले के बृजेन्द्र तिवारी तथा माकपा के रायपुर जिला सचिव प्रदीप गभने ने भी संबोधित किया।
आज प्रदर्शन में प्रमुख रूप से धर्मराज महापात्र, बृजेन्द्र तिवारी, प्रदीप गभने, एस सी भट्टाचार्य,शीतल पटेल, डॉ राजेश अवस्थी, अजय कन्नौजे, दीक्षित भीमगड़े, मो. साजिद रजा, प्रदीप मिश्र, नवीन गुप्ता, विभाष पैतुण्डि, के के साहू, वी एस बघेल, मनोज देवांगन, रिनेश लसेल, महेंद्र लदेर, पवन सक्सेना, राकेश गौतम, शेखर नाग, रतन गोण्डाने सहित दर्जनों कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया ।
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