किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब खुद ही पिछले दस दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के समाधान की कमान थाम ली है। नये कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री ने मंत्रियों की एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में किसानों की मांग और उन बिंदुओं पर चर्चा की गई जिस पर किसान संगठनों और सरकार के बीच सहमति बनी है। राजधानी दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री के साथ हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल रहे। तकरीबन दो घंटे तक चली इस बैठक में किसानों की मांगों पर बिंदुवार चर्चा करते हुए गंभीर चिंतन किया गया। दोपहर दो बजे किसानों और सरकार के बीच आरंभ होने वाली वार्ता से पहले प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई इस बैठक को आंदोलन के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने उम्मीद जताई कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ेंगे और सकारात्मक दिशा में सोचकर समाधान की तरफ आगे बढेगें। सूत्रों की माने तो बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो वह स्वयं किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उधर, किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, सिर्फ कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर ही बात होगी। अगर आज हल नहीं निकलता तो 8 दिसम्बर को प्रस्तावित भारत बंद करेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.