कृषि कानून में 3 बड़े बदलाव करने को तैयार सरकार
नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 14वां दिन है। किसान कृषि कानूनों का वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ किसान नेताओं के बीच मंगलवार की रात हुई बैठक विफल रहने के बाद सरकार और किसान यूनियनों के बीच बुधवार को प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता अधर में लटक गई है। हालांकि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन को तैयार है। लेकिन किसान यह नहीं चाहते। उनका कहना है। कि सभी कानून वापस लिए जाएं।
सरकार की ओर से बुधवार की वार्ता के संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन शाह के साथ हुई बैठक के बाद कुछ किसान नेताओं ने कहा कि प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। इन नेताओं ने कहा कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा ‘शाह जी ने कहा कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं। उन्हें बुधवार को लिखित में देगी। हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियनों से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे।वहीं किसानों ने मंगलवार को कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया था। इसमें किसानों ट्रेड यूनियनों अन्य संगठनों और कांग्रेस सहित 24 विपक्षी दलों का समर्थन मिला था। वहीं सरकार और किसानों के बीच हुई पांच दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी। सरकार कानूनों में संशोधन की इच्छा जता चुकी है और कई तरह के आश्वासन भी दे चुकी है। लेकिन किसान संगठन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं।
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