सोनीपत। नए कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। न ही सरकार से बात बन पा रही है,और न ही किसान पीछे हटने को तैयार है। बताना लाजमी है कि अब किसानो का गुस्सा फूटने लगा है। गौरतलब है कि लगातार कुंडली में हाइवे जाम करके बैठे किसानों ने अब दिल्ली जाने वाले संपर्क मार्गों को भी बंद करने का ऐलान कर दिया है। दरअसल किसानों का कहना है कि जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, इससे अब रणनीति में बदलाव करते हुए दिल्ली का दाना-पानी, फल और सब्जी व दूध भी बंद करना पड़ेगा। इसके लिए लिंक मार्ग से सटे गांव के किसानों से अपील की गई है कि वे रास्ते बंद करें।
इसका असर साथ में दिखा भी। सोमवार को ही नरेला होकर दिल्ली जाने वाले रास्ते को सफियाबाद के पास किसानों ने ट्रैक्टर अडा कर जाम कर दिया। इसके बाद दिल्ली का एक प्रमुख वैकल्पिक मार्ग भी जाम हो गया है। इससे औचंदी बार्डर इलाके पर दबाव बढ़ने से जाम की स्थिति बनी रही। बताना लाजमी है कि किसानों ने हरियाणा के संपर्क मागेरं से लगते गांव के किसानों से आग्रह किया है कि वह अपने-अपने इलाके में रास्ते बंद करें। ताकि दिल्ली का दाना-पानी बंद किया जा सके। उग्र तेवर दिखाते हुए किसानों ने कहा कि पीएम मोदी को अब किसानों के मन की बात सुननी पड़ेगी। साथ ही उन्होंने जाम के कारण आ रही परेशानी के लिए जनता से माफी भी मांगी। गौरतलब है कि तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हजारों किसान कई दिनों से कुंडली में धरना जमाए बैठे हैं। सोमवार को किसानों ने सरकार को चेताया कि उनके सब्र की परीक्षा ना लें, बल्कि मांगों को पूरा किया जाए। अब देखना ये होगा कि ये कृषि यानी कि किसान आंदोलन कब तक चलता है। सरकार से बात बनेंगी या फिर किसान पीछे हटेंगे ?
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