अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जनपद के यूपी गेट पर कड़ाके की ठंड के बीच पिछले करीब एक महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाएं। जब तक केंद्र सरकार मांगों को नहीं मानती है, तब तक दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे। वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को उम्मीद जरूर है। केंद्र सरकार के निमंत्रण पर कल 30 दिसंबर को आंदोलनकारी किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता होनी है। इससे पहले छह दौर की वार्ता बेनतीजा निकलीं हैं। वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को कुछ उम्मीद जरूर बंधी है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने कहा कि 30 दिसंबर को केंद्र सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता से काफी उम्मीद है। निराशावादी व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता। सातवें दौर की वार्ता में किसानों की समस्याओं का हल निकल सकता है।
किसान नेता बलराम सिंह ने कहा कि बुधवार को होने वाली वार्ता से किसानों को काफी उम्मीदें हैं। किसान करीब 32 दिन से खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी में रात गुजार रहे हैं। 30 दिसंबर को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगों को मान लेती है, तो आंदोलन खत्म होगा और किसान गांवों को लौट जाएंगे।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के गाज़ियाबाद जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने कहा कि लंबे संघर्ष को देखकर सरकार को किसानों की ताकत एहसास हुआ है। उम्मीद है कि बुधवार को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगो को समझेगी और हल निकालेगी। कृषि कानून वापस होंगे और एमएसपी की गारंटी को लेकर सरकार कानून बनाएगी।
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