नरेश राघानी
जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार एक बार फिर से संकट में आती दिख रही है। यहां सरकार से सहयोगी दल बीटीपी ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है।
दरअसल, हाल ही में संपन्न हुए पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार फिर से सियासी संकट में आ गई है। सरकार की सहयोगी भारतीय ट्राइबल पार्टी बीटीपी के दो विधायकों ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बीटीपी के दोनों विधायक मुश्किल वक्त में भी अशोक गहलोत सरकार के साथ खड़े थे। बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया। कांग्रेस के दोगलेपन के चलते उसे डूंगरपुर में पंचायत समितियों के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में हम राज्य की गहलोत सरकार से अपने रिश्ते खत्म कर रहे हैं।
अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बीटीपी के दोनों विधायकों के समर्थन वापस लेने से गहलोत सरकार पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटों मे 118 सीटें गहलोत सरकार के पास हैं, जिनमें कई निर्दलीय विधायक भी हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के इशारे पर बीटीपी ने इस समर्थन वापसी का ऐलान किया है। जिससे उम्मीद बढ़ गई है कि राज्य में फिर से सियासी उलटफेर हो सकता है।
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