राणा ओबराय
चंडीगढ। हरियाणा एमएलए होस्टल चंडीगढ के इंचार्ज अधिकारी अवर सचिव मुकेश गुप्ता ने अपने कनिष्ठ अधिकारियों पर इस तरह से प्रभाव जमा रखा है, कि मौके के अधिकारी अपनी मर्जी से किसी भी विधायक को कमरा अलॉट नही कर सकते है। एमएलए होस्टल में गई न्यूज की टीम को यह नजारा देखने को मिला।
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधानसभा में कार्यरत अवर सचिव मुकेश गुप्ता को एमएलए होस्टल का इंचार्ज अधिकारी बना रखा है और यह भी अधिकार दे रखा है, कि यदि किसी एमएलए को होस्टल में कमरा अपने नाम या परिचित के नाम करवाना है। तो वह इंचार्ज अधिकारी मुकेश गुप्ता से सम्पर्क करें।
मिली जानकारी के अनुसार अवर सचिव मुकेश गुप्ता लगभग चार दिन की छुट्टी पर है। शायद जब कोई कर्मचारी या अधिकारी छुट्टी पर होता है तो सरकारी कामकाज में दखलंदाजी नही कर सकता है? परन्तु आज हमने देखा कि एमएलए होस्टल का रिसेप्शन ऑफिसर अपनी मर्जी से किसी भी एमएलए को कमरा अलॉट नही कर पा रहा था। जब हमने रिसेप्शन अधिकारी चन्द्र शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि अवर सचिव मुकेश गुप्ता लगभग चार दिन की छुट्टी पर है। छुट्टी पर होने के बावजूद भी कमरे बुक करने या न करने का आदेश उन्ही के चल रहे हैं। जब हमने चन्द्र शर्मा से पूछा की क्या कोई अधिकारी छुट्टी पर होने के बावजूद सरकारी काम में दखलंदाजी कर सकता है क्या! तो उन्होंने बताया कानूनी रूप से तो नही कर सकता पर यहां ऐसा हो रहा है। इसका मतलब तो यह निकला होस्टल में अवरसचिव मुकेश गुप्ता ने ज्यादा प्रभाव जमा रखा है? क्या किसी अवरसचिव स्तर के क्लासवन अधिकारी को रोजाना पांच बजे डयूटी खत्म होने के बाद भी कई कई घण्टे एमएलए होस्टल में बैठे रहना चाहिये!यह सरकार के आदेश है या कोई व्यक्तिगत कारण है?
हमारा स्पीकर हरियाणा से सवाल यह है कि (1) क्या किसी अवरसचिव स्तर के जिम्मेदार क्लास वन अधिकारी को छुट्टी पर होंने के बावजूद सरकारी काम मे दखलंदाजी करनी चाहिए। (2) क्या हरियाणा स्पीकर होस्टल के स्वागत/ रिसेप्शन अधिकारी अधिकारी के कार्य से खुश नही है। (3) क्या हरियाणा स्पीकर का कोई ऐसा लिखित में आदेश है कि कई दिनों की छुट्टी पर होने के बावजूद भी अवर सचिव कनिष्ठ अधिकारी को आदेश देते रहेंगे? इसमें कोई शक नही हरियाणा स्पीकर ईमानदार है औऱ स्वच्छ प्रशासन चाहते हैं। परन्तु विधानसभा अध्यक्ष यह कभी नही चाहेंगे कि कोई अधिकारी अपनी मनमानी चलाये?
हमारा स्पीकर हरियाणा से सवाल यह है कि (1) क्या किसी अवरसचिव स्तर के जिम्मेदार क्लास वन अधिकारी को छुट्टी पर होंने के बावजूद सरकारी काम मे दखलंदाजी करनी चाहिए। (2) क्या हरियाणा स्पीकर होस्टल के स्वागत/ रिसेप्शन अधिकारी अधिकारी के कार्य से खुश नही है। (3) क्या हरियाणा स्पीकर का कोई ऐसा लिखित में आदेश है कि कई दिनों की छुट्टी पर होने के बावजूद भी अवर सचिव कनिष्ठ अधिकारी को आदेश देते रहेंगे? इसमें कोई शक नही हरियाणा स्पीकर ईमानदार है औऱ स्वच्छ प्रशासन चाहते हैं। परन्तु विधानसभा अध्यक्ष यह कभी नही चाहेंगे कि कोई अधिकारी अपनी मनमानी चलाये?
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