अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के किसानों के आंदोलन में अब देशभर के किसान कूद पड़े हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी किसान सम्मान निधि के तहत नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि हस्तांतरित की। इस दौरान उन्होंने छह राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। जिसमें उन्होंने देश के किसानों पर बौखलाहट में कहा-आंदोलन करनी है तो बंगाल, केरल में क्यों नहीं करते हैं। सिंघु बार्डर पर किसान क्यों डटे हुए हैं। किसान आंदोलन मात्र एक राजनीतिक षडयंत्र है और कुछ नहीं। उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि पूरे देश के किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है, सभी विचारधारा की सरकारें इसे जुड़ी हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार वहां के 70 लाख किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंचने दे रही है। बंगाल की सरकार अपने राजनीतिक कारणों से राज्य के किसानों को पैसा नहीं दे रही है।... जो दल बंगाल में किसानों की हालत पर कुछ नहीं बोलते, वे दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने पर लगे हैं। देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हैं, वह भी किसान के नाम पर। इन दलों को आजकल एपीएमसी- मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी- मंडियां हैं ही नहीं। केरल में ये लोग कभी आंदोलन नहीं करते।
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