पिछले पांच सालों में डेढ़ गुना बढ़ी है अनाजों की एमएसपी
नई दिल्ली। पिछले पांच साल में अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद, दोनों में करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर चल रही वार्ता के परिणाम का तो फिलहाल अनुमान ही लगाया जा सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का यह दावा पुख्ता है। कि उनके कार्यकाल के पिछले पांच साल में अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद, दोनों में करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। पिछले सीजन में सरकार ने गेहूं और धान की रिकार्डतोड़ खरीदारी की थी। सरकार ने पंजाब के किसानों से 127 लाख टन तो मध्य प्रदेश के किसानों से 129.42 लाख टन गेहूं खरीदा था। हरियाणा से 74 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 35.77 लाख टन जबकि राजस्थान से 17 लाख टन के खरीद लक्ष्य के मुकाबले सरकार ने 22.25 लाख टन गेहूं की खरीदारी की थी। इसी तरह सरकार 7 दिसंबर तक 202.78 लाख टन धान भी पंजाब से खरीद चुकी है। हरियाणा से 56.1 और उत्तर प्रदेश से भी 27.2 लाख टन धान खरीदा जा चुका है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2016 में उसका खाद्यान्न भंडार 496 लाख टन था, जो साल 2020 में बढ़कर 832.62 लाख टन हो गया। इसी तरह 2015-16 में चावल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1410 रुपये प्रति कुंतल था। जबकि पिछले साल चावल पर एमएसपी 1868 रुपये रहा था।
इसी तरह गेहूं का समर्थन मूल्य भी 1525 रुपये से बढ़ाकर 1975 रुपये प्रति कुंतल किया जा चुका है। ज्वार का एमएसपी 1590 से बढ़ाकर 2640 रुपये और बाजरा का 1330 से बढ़ाकर 2150 रुपये हो गया है। रागी के दाम तो पिछले 5 वर्षों में दोगुने हो चुके हैं। इसका दाम 2015-16 में 1650 रुपये प्रति कुंतल था। जबकि पिछले साल केंद्र सरकार ने 3295 रुपये एमएसपी घोषित किया था।
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