हरिओम उपाध्याय
सनातन परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्त्व रहता है। हमारे सनातन धर्म में हरेक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है-मलमास जिसे खरमास भी कहा जाता है।
जानिए कैसे होता है मलमास- जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही मलमास या खरमास कहा जाता है। मलमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह,मुंडन,सगाई,गृहारंभ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
जानिए कब तक रहेगा मलमास- इस माह दिनांक 15 दिसंबर 2020, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मलमास प्रारंभ होगा जो दिनांक 14 जनवरी 2021 पौष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक रहेगा। मलमास प्रभावी होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभकार्यों का निषेध रहेगा।
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