अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
हापुड़। सिंभावली सीएचसी क्षेत्र के गाँव सेहसपुरा निवासी शरद कुमार की पत्नी राधा स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रेग्नेंसी चैक कर नसबंदी कर दी गई। लेकिन नसबन्दी के बाद भी महिला चार महीने की गर्भवती निकली और गर्भपात हो गया। जिससे महिला के हालत बिगड़ गई जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्वास्थ विभाग के बड़ी लापरवाही सामने आई जिस कारण एक महिला जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। गर्भपात के दर्द से तड़प रही महिला को लेकर उसका पति अस्पतालों के चक्कर काट रहा है। मगर उसको सही तरीके से उपचार तक नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार माली समाज सेवा घोर लापरवाही के कारण एक महिला की जिंदगी और मौत के बीच खड़ा कर दिया है। बताया गया है, कि सिंभावली क्षेत्र के गांव निवासी पीड़ित महिला के पति ने बताया कि स्वास्थ्य के द्वारा उसकी पत्नी की नसबंदी कर दी गई। जिसके आधार पर 4 माह से प्रेग्नेंट निकली और उसका गर्भपात हो गया। जिसको 4 माह का एक बेटा हुआ है। आपको बता दें कि नसबंदी से पूर्व महिला की गर्भवती सही कई तरह की जांच की जाती हैं। मगर यहां महिला करीब 4 माह के गर्भ से थी इसके बावजूद नसबंदी कर दी गई। ऐसे में स्वास्थ्य की जांच रिपोर्ट के कारण एक महिला की जान पर आफत बन गई।
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