शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

अंगूठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी मुखाग्नि

5 फुट ऊंची बनाई गई अंगीठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी जाएगी मुखाग्नि
राणा ओबरॉय   
करनाल।  किसान आंदोलन के समर्थन में सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मारने वाले संत राम सिंह का अंतिम संस्कार थोड़ी देर में होगा। इससे पहले बीते दिन पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल समेत 10 हजार से ज्यादा लोगों ने संत राम सिंह के अंतिम दर्शन किए। अब उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव सिंघड़ा में 5 फीट ऊंचे अंगीठा सहिब बनाये गए है। देश-दुनिया के हजारों लोग इकट्‌ठा हो रहे हैं।
बीते रोज भी करीब 10 हजार लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। आज यानी कि शुक्रवार को सुबह ग्‍यारह बजे से उनके अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया शुरू हुई । अंतिम संस्‍कार आज इससे दो दिन पहले ही करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमार्टम हुआ था।  बता दिया जाए कि, रामसिंह ने बीते बुधवार की शाम उस वक्‍त खुद को गोली मार ली, जब वह सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ आंदोलनरत थे। 
65 वर्षीय संत राम सिंह करनाल जिले के गांव सिंघड़ा के रहने वाले थे। गांव में ही उनका डेरा भी है। वह खुद कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके थे। वहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवचन करने के लिए जाते थे। उनके हरियाणा-पंजाब के अलावा दुनियाभर में लाखों अनुयायी हैं। पिछले कई दिन से वह सोनीपत के सिंघु बॉर्डर चल रहे धरने में शामिल थे। वहां बुधवार को दोपहर बाद राम सिंह ने खुद को गोली मार ली थी।
एक शिष्य के मुताबिक इस खौफनाक कदम के उठाने से पहले उन्‍होंने कहा था। मैं किसानों की मौजूदा हालत से काफी दुखी हूं। सरकार के कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। मैं इस पीड़ा में ही जान दे रहा हूं। इसके कुछ ही देर बाद उनकी पार्थिव देह बरामद की गई। सूचना के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। रात 11 बजे करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। गुरुवार को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादी भी संत राम सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे वहीं इसके बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार से पहले भी अनुयायियों का आना लगातार जारी है।
करीब 2 दशक से राम सिंह के शिष्य गुलाब सिंह ने इस पूरी घटना को लेकर बात की। गुलाब सिंह के मुताबिक, 8-9 दिसंबर को ही बाबा राम सिंह ने करनाल में एक समागम किया, जिसमें किसान आंदोलन के लिए अरदास रखी गई। उन्होंने खुद भी आंदोलन में मदद के लिए पांच लाख रुपए गर्म कंबलों की सेवा दी। संत राम सिंह ने अपनी डायरी में किसान आंदोलन को लेकर दुख व्यक्त किया था। और कहा था कि अब उनसे ये देखा नहीं जा रहा है। इसके बाद वह आंदोलन वाली जगह आए। उन्होंने अपने साथ आए लोगों से स्टेज के पास जाने को कहा और खुद गाड़ी के पास चले गए। वहां अपने अंतिम नोट में लिखा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोग नौकरी घर छोड़कर आ रहे हैं। ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित करता हूं।

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