चंडीगढ़। एक ओर किसान बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर को घेरे हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं उनके पीछे उनकी पत्नी और बच्चे खेत खलिहान संभाल रहे हैं। लगातार पड़ रही कड़कड़ाती ठंड और खुले आसमान के नीचे बैठे उनके परिजनों की अब बेटियों को चिंता सताने लगी है। बेटियों ने अपनों के लिए पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि पीएम किसानों की बातें सुनें और उन्हें हक दे दें। चिट्ठी के माध्यम से किसानों की बेटियों ने कहा कि पीएम सर आप हमेशा अपनी मन की बात करते हैं, अब किसानों के मन की भी बात सुनें, आज किसान उनसे कुछ मांग रहे हैं।चिट्ठी लिखने वाली बेटियों ने लिखा है कि उनके अपने ठिठुरती ठंड में खुले आसमान के नीचे संघर्ष कर रहे हैं, मगर सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।चिट्ठी में बेटियों ने लिखा है कि इस आंदोलन के कारण कई परिवारों से उनके छीन गए, कई बच्चे अनाथ हो गए। बेटियों से उनके पिता छीन गए, मगर आपका दिल अब तक नहीं पसीजा है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि आप शायद किसानों की तकलीफ महसूस ही नहीं कर पा रहे है, किसान भीषण गर्मी, लू, कड़कड़ाती और हड्डियों को गला देने वाली सर्दी में खेतों में फसलों की देखरेख करते हैं तभी तो आपके मुंह में निवाला जाता है।
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