किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे हरियाणा के 55 पूर्व विधायक
सोनीपत। कृषि कानून को लेकर चल रहे किसान आंदोलन ने अब नया रूप ले लिया है। गौरतलब है। कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के 26वें दिन 55 पूर्व विधायकों ने धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिया। बतादें कि पूर्व विधायक एसोसिएशन हरियाणा के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ सदस्य रणसिंह मान ने किसानों को समर्थन देने के दौरान कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जिस प्रकार जबरदस्ती कर किसानों पर कानून थोपने का प्रयास कर रही है। वह बिल्कुल गलत है।
उन्होंने कहा कि इससे बेहतर तो यह होता कि सरकार कानून बनाने से पहले किसान नेताओं या संगठनों को बुलाकर रायशुमारी करती, अगर किसान संगठन या किसानों का प्रतिनिधिमंडल इसके लिए सहमत होता उसके बाद इन कानूनों को अमलीजामा पहनाया जा सकता था। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। बल्कि इसके विपरित किसानों की राय लिए बिना ही उन पर जबरदस्ती कानून थोपने का प्रयास किया गया, जो संदेहास्पद प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार की नीयत में खोट नहीं हैं। तो वह लॉकडाउन के समय में ही आर्डिनेंश लेकर क्यों आई ऐसी क्या मजबूरी थी। कि हालात सामान्य होने का भी सरकार इंतजार नहीं कर सकी।
दरअसल पूर्व विधायक एसोसिएशन हरियाणा के प्रधान नफे सिंह राठी (पूर्व विधायक, बहादुरगढ़) के नेतृत्व में रामबीर सिंह महासचिव, रणसिंह मान प्रवक्ता, रामपाल माजरा, राजरानी पूनम, अशोक अरोड़ा, नरेंद्र सांगवान, रणबीर मंदौला, कर्नल रघुबीर छिल्लर, दिल्लूराम बाजीगर, सुलतान सिंह जंडौला, रेखा राणा, भागीराम, श्याम सिंह राणा, रमेश गुप्ता, भाग सिंह छातर, बलबीर सिंह ग्रेवाल समेत 55 पूर्व विधायक किसानों को समर्थन देने के लिए सोमवार को कुंडली बॉर्डर पहुंचे। सभी पूर्व विधायक सर्वप्रथम राजीव गांधी एजूकेशन सिटी में एकत्रित हुए और सभा का आयोजन किया। सभा के उपरांत सभी एकत्रित होकर कुंडली बॉर्डर पर किसानों के धरने के बीच पहुंचे और किसान नेताओं को अपना समर्थन पत्र सौंपा।
पूर्व विधायक एसोसिएशन हरियाणा के नेतृत्व में पहुंचे पूर्व विधायकों ने कहा कि सरकार किसानों के साथ ज्यादती कर रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे और किसानों को एमएसपी पर गारंटी दी जाए। किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व विधायकों ने कहा कि किसानों की सभी मांगे उचित हैं। इसलिए वे किसानों का पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने किसान नेताओं को एसोसिएशन की ओर से समर्थन पत्र भी सौंपा और कहा कि वे हर कदम पर किसानों के साथ खड़े हैं।
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