स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी 4 करोड़ छात्रों के बैंक अकाउंट में आएंगे इतने पैसे
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों को दी जाने वाली केंद्रीय छात्रवृत्ति नियमों में बदलाव किया है। दरअसल सरकार ने मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना में यह बदलाव इसलिए किया है। ताकि इससे से ज्यादा से ज्यादा छात्र इससे जुड़ सकें। इस योजना से अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षा 11वीं से शुरू होने वाले मैट्रिक के बाद किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रखने में मदद मिली है।
कैबिनेट बैठक में 59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश का अनुमोदन प्रदान हुआ है। इसमें से 60 फीसदी रकम यानी 35,534 करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी. शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी। बतादें कि इस योजना के तहत सरकार गरीब छात्रों को नॉमिनेट करने समय पर पेमेंट करने से लेकर व्यापक जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर देती है।
अब इसके तहत गरीब से गरीब छात्रों को 10वीं पास करने के बाद अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नॉमिनेट करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अनुमान है। कि 1.36 करोड़ ऐसे छात्र हैं। जो वर्तमान में 10वीं पास करने के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं। इन्हें अगले 5 साल में इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। गौरतलब है। कि अगले 5 साल में अनुसूचित जाति के चार करोड़ से ज्यादा छात्रों को इसके तहत कुल 59 हजार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
इस योजना के तहत छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की कुल रकम में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार और 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार देगी। एक अनुमान के अनुसार, केंद्र सरकार इस 59 हजार करोड़ रुपये में से 35,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बाकी खर्च राज्य सरकारों द्वारा उठाया जाएगा। सरकार यह भी दावा कर रही है। कि इस योजना की मदद से अगले 5 साल में करीब 1 करोड़ 36 लाख अनुसूचित जाति के छात्रों को दोबारा शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद मिलेगी।
ये छात्र गरीबी व अन्य कारणों से शिक्षा से महरूम रह जाते थे। इस स्कीम को सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए शुरू किया जाएगा ताकि पारदर्शिता, जवाबदेही भी तय की जा सके। पोर्टल पर ही राज्य पात्रता, जातिगत स्थिति, आधार पहचान तथा बैंक अकांउट के ब्योरे की जांच की जाएगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए ही छात्रों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे।
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