वाहन जांच के नाम पर पुलिस का आतंक
पटरी पर बाइक खड़ी कर सौदा खरीदने गए बाइक का पुलिस ने कर दिया ऑनलाइन चालान
कौशाम्बी। पूरे जिले में विक्रम टेंपो अप्पे प्राइवेट बसें ई-रिक्शा अवैध तरीके से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह सवारी वाहन सड़क पर वाहन खड़ी कर पूरे दिन सवारियां भरते हैं। लेकिन विक्रम टेंपो अप्पे प्राइवेट बस ई रिक्शा यातायात पुलिस और थाना पुलिस की जांच के दायरे से फिर भी बच जाते हैं। आखिर विक्रम टेंपो अप्पे प्राइवेट बसों ई रिक्शा के गलत होने के बाद भी पुलिस इनका चालान नहीं करती इसके पीछे गंभीर कारण है, वह जन जन की चर्चा में है। इन वाहनों के नंबर लगाने पर भी पूरे दिन वसूली होती है और वसूलने वाले लोग पुलिस के नजदीक दिखाई पड़ते हैं। लेकिन सड़क पर निकलने वाले बाइक सवार ही पुलिस की नजर में सबसे बड़े गुनाहगार होते हैं और बाइकों का चालान कर पुलिस जुर्माने की रकम पूरी करती है छोटे से अपराध पर पुलिस बाइक का चालान कर देती है। अब तो बिना अपराध के भी पुलिस बाइक का चालान कर सरकारी खजाने को भर देना चाहती हैं। ताजा मामला मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र का है। मंझनपुर चौराहे के पास पटरी पर बाइक खड़ी कर बाइक मालिक किराने की दुकान से सामान खरीदने गया था और सामान खरीद कर जब वह वापस घर आ गया। जब घर आने पर उसने मोबाइल में मैसेज देखा तो उसकी बाइक का 1000 रुपए का चालान का मैसेज मोबाइल में मिला है। मैसेज देखकर बाइक मालिक परेशान हो गया है आखिर पटरी पर गाड़ी खड़ी करना कौन सा अपराध है, जबकि मंझनपुर कस्बे में ही पूरे दिन चारों रोड पर बड़े दुकानों के बाहर ग्राहकों की बाइक खड़ी होती है। जिससे जाम भी लगता है। लेकिन उन दुकानदारों को पुलिस कर्रा नहीं करती है। पुलिस के इस तरह जबरिया वाहनों का चालान करने से पुलिस की साख आम जनता के बीच खराब हो रही है जो चिंत्तन का विषय है।
अजीत कुशवाहा
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