रोशन कुमार
नई दिल्ली। पूर्व छात्र नेता उमर खालिद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दिल्ली यात्रा के दौरान दिल्ली में हिंसक दंगे करवाने की साजिश रच रहा है। इसका खुलासा दिल्ली पुलिस ने दंगों के सिलसिले में दाखिल अपने पूरक आरोप पत्र में किया है। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद चाहता था कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे तथाकथित अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में आज (मंगलवार को) इस पूरक आरोप पत्र की कॉपी आरोपियों को देने और संज्ञान लेने के बारे में सुनवाई करेगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने रविवार को अदालत में हिंसा की साजिश रचने के आरोप में खालिद के अलावा जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र में कहा गया है कि खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वापस लौटा। खालिद ने अन्य आरोपियों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी। पुलिस ने अदालत को बताया कि सांप्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया। इसके लिए खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस साजिश में कई घरों में हथियार, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। अदालत में दाखिल आरोपपत्र के अनुसार खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ आतंकवादी निरोधक कानून ‘गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न धाराओं में तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल हो गए थे।
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