बिहार कांटे की टक्कर के बाद बीजेपी गठबंधन को बहुमत
पटना। बिहार में मतों की गिनती के दौरान होते रहे उलटफेर के बाद अंत भला तो सब भला की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्मीद को पूरा करते हुए राज्य की जनता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की झोली में विधानसभा की 125 सीट डालकर एक बार फिर उन्हें सत्ता की बागडोर सौंप दी है। राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, मतगणना की समाप्ति के बाद राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी को 74 जनता दल यूनाइटेड को 43 हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सेक्यूलर और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार-चार सीटें मिली हैं। इस तरह 243 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 122 को पार करते हुए राजग ने 125 सीटें हासिल कर ली है।
जदयू को इस बार के विधानसभा चुनाव में 28 सीट का नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले चुनाव में उसकी सीटों की संख्या 71 थी। चुनाव में भाजपा को 21 वीआईपी को चार और हम को तीन सीट का लाभ हुआ है। वहीं तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन जो सुबह मतगणना के शुरुआती दौर में सरकार बनाते दिख रहा था। उसे 110 सीट से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि महागठबंधन के मुख्य घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए संतोष की बात सिर्फ यही रही कि वह 75 सीट जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है। इसके बावजूद उसे वर्ष 2015 के पिछले विधानसभा में 80 सीट मिली थी। महागठबंधन के अन्य घटक कांग्रेस की भी इस बार पिछले चुनाव से आठ सीटें कम हुई है। और उसे मात्र 19 सीट पर संतोष करना पड़ा।
महागठबंधन में शामिल हुए वामदलों को भी काफी लाभ मिला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) पिछले चुनाव की अपनी सीट संख्या तीन को बढ़ाकर 12 करने में कामयाब रही। वहीं पिछले चुनाव में विधानसभा चुनाव में शून्य पर आउट हुई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) दो दो सीट जीत गईं। इसी तरह ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने पांच सीट बहुजन समाज पार्टी(बसपा) लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और निर्दलीय ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की।
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