अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीसी के जरिए 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि "ब्रिक्स के सफल संचालन के लिए मैं राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं। आपके गाइडेंस और इनिशिएटिव की वजह से वैश्विक महामारी के समय में भी ब्रिक्स अपनी गति को बरकरार रख पाया है। भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक व्यापक बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है। यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मददगार साबित हो सकता है। भारत ने कोवि़ड के दौरान भी आत्मनिर्भरता का उदाहरण दिया। भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी। आज मल्टीलेटरल सिस्टम एक संकट के दौर से गुजर रहा है। इसमें अभी भी उचित बदलाव नहीं आया है। सिक्योरिटी कौंसिल में रिफॉर्म्स बहुत ही अनिवार्य है और इसमें ब्रिक्स पार्टनर्स के समर्थन की जरुरत है। 2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट बनाई जा सकती है। इस साल की ब्रिक्स सम्मेलन की थीम प्रासंगिक और दूरदर्शी है, ब्रिक्स की भूमिका अहम होगी।" पीएम मोदी ने आगे कहा कि "यूएन के अतिरिक्त कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के तहत काम नहीं कर रहे हैं। डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाओं में भी सुधार होना चाहिए।" आतंकवाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटजी को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।"
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