पत्रकार, सरकार की बदले की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट और आज़ादी का मौलिक अधिकार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से ये शब्द मीडिया में छाए हुए हैं। हाल ही में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के मालिक और पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली है। आम लोगों में इस सवाल पर चर्चा हो रही है कि क्या देश की सर्वोच्च अदालत का रवैया और रूख़ सभी पत्रकारों के मामले में समान है या नहीं। केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। आज उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया है। पत्रकार कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने तब गिरफ्तार कर लिया था जब वह एक दलित महिला के साथ बलात्कार और हत्या मामले की कवरेज के लिए हाथरस जा रहे थें।
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