मोदी सरकार ने रद्द किए 4 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड, जानिए वजह
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब तक 4 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड रद्द कर दिए है। आइए बताते है कि क्या वजह रही जो केंद्र सरकार ने इतनी भारी संख्या में राशन कार्ड रद्द करवा दिए है। गौरतलब है कि करीब सात साल में 4 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। ये जानकारी उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से दी गई है। आइए जानते हैं कि आखिर इसकी क्या वजह है।
मंत्रालय के मुताबिक सही लाभार्थियों की पहचान करने के लिए साल 2013 से 2020 के बीच 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया गया है। हालांकि, रद्द किये गए राशन कार्डों के बदले में सही और योग्य लाभार्थियों/परिवारों को नियमित तौर पर नये कार्ड जारी किए गए हैं। मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पीडीएस के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. यह साल 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की जनसंख्या के दो तिहाई लोग हैं। वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केन्द्र द्वारा जारी रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है।
दरअसल खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (एनएफएसए) ने बताया कि सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (पीडीएस) में सुधार और पारदर्शिता के लिए ये अभियान चलाया गया था। गौरतलब है कि बीते दिनों सरकार ने नए साल में एक देश और एक राशन कार्ड को भी अनिवार्य करने का ऐलान किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आप एक राशन कार्ड पर देश के किसी भी हिस्से में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं। हालांकि आपको बता दें कि राशन कार्ड को आधार से लिंक कराना अब अनिवार्य हो गया है। अगर आपने आधार को लिंक नहीं कराया तो आने वाले वक्त में राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है।
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