कुटीर उद्योग क्या है, इसके कितने प्रकार हैं। क्या महत्व है? आदी के लिए पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
कुटीर उद्योग का चुनाव कैसे किया जाए? हमारा उद्योग क्या हो जिससे हम व्यापारिक दृष्टि से भी सुदृढ बनें।
ये सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण है आज के परिदृश्य में किस प्रकार के उद्योगों को चुना जाना चाहिए। यदी आपका कोई पारंपरिक उद्योग नहीं है, आपको नवीन रूप से किसी उद्योग को प्रारंभ करना है। इसमें जिन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए वो इस प्रकार है।
1. आप स्वयं उस कार्य में कुशल होने चाहिए।
2. आपके उत्पाद की माँग उस बाज़ार में होनी चाहिए जहाँ तक आप अपने उत्पादों को पहुँचा सके।
3. आपके उत्पाद के लिए कच्चे माल भी आपके आस -पास सुगमता से उपलब्ध हो।
4. बाज़ार में उसकी माँग का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
आपने कुटीर उद्योग के अनेक प्रकारों के विषय में पढ़ा है जो स्थान और उनके उत्पादन के स्वरूप पर निर्भर करता है। परंतु आज के परिदृश्य में जिस प्रकार ग्लोबलाइजेशन देखने को मिल रहा है। तो वस्तुएं की खपत गाँव और शहरों में एक ही प्रकार से गाँव के लोग भी विलासिता के चीजों का उपभोग उसी तरह करते हैं, जैसे शहर के। तो ये बंधन नहीं रह जाता कि आप गाँव में हैं तो सिर्फ ग्रामीण कुटीर उद्योग को ही अपनाएं। अपने कार्य में कुशल होना:- ये आपके उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। आपके उत्पाद की गुणवत्ता हीं आपको बाज़ार में बने रहने में मददगार साबित होगी। दूसरी बात कुटीर उद्योग बहुत छोटे लागत से प्रारंभ किया जाता है। इसे आप खुद की मदद से हीं कर सकते हैं।
नजदीकी बाजारों में उत्पाद की माँग।
कुटीर उद्योग में एक कुशल कारीगर खुद निर्माण भी करता है। खुद बाज़ारों तक भी ले कर जाता है ऐसे में वह बहुत दूर नहीं जा सकता है। ऐसे में उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए की अपनें उत्पादों को नजदीक में बेच सके जिससे उसके उत्पादन की छमता का ह्रास बाज़ार ढूंढ़ने में न हो। कच्चे माल की सुगमता से उपलब्धता:- कच्चे माल यदी सुगमता से और आस-पास उपलब्ध न हों ऐसी परिस्थिति में लागत मूल्य बढ़ सकता है जिससे वस्तुओं की बिक्री प्रभावित हो सकती है।बाज़ार में वस्तु की माँग:- उद्योग लगाते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए की आपके उत्पादों की माँग बाज़ार में हो जिससे आपके उत्पाद की ख़पत में सुगमता हो।
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